नई दिल्ली : अरविन्द केजरीवाल और दिल्ली के एलजी नजीब जंग के बीच चल रहे झगड़े ने नार्थ-वेस्ट दिल्ली के कई किसानों को मुसीबत में डाल दिया है। दिल्ली के सिरसपुर और खेडागढी गांव दर्जनों किसानों को एक साल पहले दिल्ली मेट्रों ने मुवावजा 1.5 करोड़ प्रति एकड़ से बढाकर 3.5 करोड़ प्रति एकड़ कर किसानों को 232 करोड़ का मुवावजा दिया था।
इस मुवावजे से मिले पैसों से किसान करोड़पति बने क्योंकि यह सबसे ज्यादा मुवावजा माना गया लेकिन दिल्ली के एलजी नजीब जंग ने केजरीवाल के सर्किल रेट बढ़ोतरी उस फैसले को अब रद्द कर दिया है।
माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद किसानों लो नए सर्किल रेट पर मिला अतिरिक्त मुवावजा लौटाना पड़ सकता है। इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने यह पैसा पॉपर्टी खरीदने, शादी, बच्चों के एडमिशन, आदि पर खर्चकर लिए हैं। एलजी के इस फैसले के बाद कई किसानों का कहना है कि उनके लिए 85 प्रतिशत रकम लौटाना सम्भव नही है।
किसानों का आरोप है कि इस फैसले को 'बिल्डर लॉबी' के दबाव में लिया गया है। किसान यह भी कह रहे हैं कि मुवावजा लौटाने के बजाय पूरा अधिग्रहण ही रद्द किया जाना चाहिए लेकिन फिर भी सवाल उठता है कि किसान पूरी रकम भी कहाँ से लौटाएंगे। इस फैसले से तकरीबन 500 किसान प्रभावित होंगे, इसलिए किसान अब इस मुद्दे को कोर्ट ले जाने की भी सोच रहे हैं।