नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी मुंबई महानगर पालिका चुनाव के जिस निर्दलीय प्रत्याशी को जीरो वोट मिलने पर ईवीएम पर सवाल उठा रही थी, वह मामला ही फुस्स हो गया है। चुनाव आयोग ने दावे की पोल खोली तो प्रत्याशी श्रीकांत ने माफी मांग ली है। श्रीकांत साकीनाका इलाके में आने वाले वार्ड क्रमांक 164 से उम्मीदवार थे
क्या है मामला
दरअसल सिरसाट मुंबई महानगरपालिका में साकीनाका इलाके के वार्ड नंबर 164 से श्रीकांत उम्मीदवार थे। रिजल्ट आने के बाद श्रीकांत ने शिगूफा छेड़ा कि उन्हें एक भी वोट नहीं मिले। जिस पर आम आदमी पार्टी उनका उदाहरण देकर सवाल उठाने लगी कि भला ऐसे कैसे हो सकता है कि किसी प्रत्याशी को खुद का और पत्नी का भी वोट न मिले। इस पर आम आदमी पार्टी के नेता श्रीकांत का उदाहरण देकर चुनाव आयोग और ईवीएम को घेरने लगे।
आयोग ने दिया स्पष्टीकरण तो खुली पोल
जब यह मामला गरमाया और यहां तक कि दिल्ली विधानसभा में विधायक अलका लांबा ने भी इस मुद्दे को उठाया तो चुनाव आयोग ने पड़ताल की। पता चला कि बीएमसी प्रत्याशी झूठ बोलकर गुमराह कर रहा है। उसे जीरो नहीं 44 वोट मिले थे।चुनाव आयोग ने यह भी साफ़ किया की श्रीकांत को वार्ड क्रमांक 164 से कुल 44 वोट मिले. जिसमें 11 वोट उस बूथ से मिले जिसमें सिरसाट का परिवार रहता है पोल खुलने पर श्रीकांत ने आयोग से माफी मांगी है। बचाव में कहा है कि चुनाव अधिकारियों की ओर से सही जानकारी ना देने और कार्यकर्ताओं के गलत जानकारी के आधार पर उन्होंने बयान दिया था जिसपर उन्हें खेद है।
श्रीकांत ने कहा-आम आदमी पार्टी पब्लिसिटी के लिए उठा रही मुद्दा
जीरो वोट के अपने बयान से पलटने के बाद श्रीकांत ने कहा है कि उनसे किसी भी पार्टी के नेता ने संपर्क नहीं किया। सच्चाई से वाकिफ होने के बाद पता चला कि आम आदमी पार्टी सिर्फ चर्चा पाने के लिए ईवीएम पर झूठ बोल रही है।