... पश्चिम बंगाल में अपना अस्तित्व खो चुके वाम मोर्चा को केरल में 92 साल के अच्युतानंदन की रणनीति, जोश और चुनावी गणित का ही सहारा था, जो आखिर में सटीक साबित हुआ. एलडीएफ गठबंधन के लिए केरल विधानसभा चुनाव में प्रचार में अच्युतानंदन ने पूरी ताकत झोंक दी थी. रोज औसत 200 किमी की यात्रा तय करने वाले अच्युतानंदन ने करीब- करीब 70 रैलियों को संबोधित किया, जिसका परिणाम सामने है. केरल के चुनाव में सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगा है, क्योंकि सोलर घोटाला, शराब घूसकांड जैसे मामले कांग्रेस के गले की हड्डी बन गए. वैसे भी कांग्रेस की समस्या स्थानीय के साथ-साथ केंद्रीय स्तर पर भी है, जो उसके सीनियर नेता खुलकर स्वीकार भी करने लगे हैं. तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने इन चुनाव परिणामों पर कहा कि यह हार काफी निराशाजनक है और यह वक्त कांग्रेस के लिए पुनर्विचार करने का है, तो पार्टी के पुनर्निर्माण की जरूरत पर भी थरूर ने बल दिया है. उन्होंने साफ़ कहा कि केरल में पार्टी के नेता व्यक्तिगत तरक्की की सोचने लगे थे. हालाँकि, कांग्रेस को सलाह दूसरे बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी दी और कहा है कि पार्टी को ...
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केरल में 'वाम' ने फहराया परचम, कांग्रेस यहाँ से भी निराश! Assembly polls in 2016, Kerala Vidhansabha chunav, Hindi Article, Mithilesh