नई दिल्ली: भाजपा सांसद और ऑल इंडिया कॉन्फेडरेशन ऑफ एससी-एसटी आर्गेनाइजेशन्स के अध्यक्ष उदित राज ने क्रिकेट सहित अन्य खेल ों में आरक्षण की मांग की बात कही। उन्होनें कहा कि दक्षिण अफ्रीका की तर्ज पर भारत में भी ऐसा होना चाहिए। कॉन्फेडरेशन की उत्तर प्रदेश इकाई की बैठक में उदित राज ने खेलों में आरक्षण की मांग पर विस्तार से चर्चा की। उदित राज ने दक्षिण अफ्रीका का उदाहरण देते हुए कहा कि टीम में कम से कम छह खिलाड़ी अश्वेत होते हैं तो यहां भी होना चाहिए।
उदित राज ने जम्मू कश्मीर क्रिकेट टीम का उदाहरण देते हुए कहा कि 16 खिलाड़ियों में से सात जम्मू से और नौ कश्मीर से होते हैं या फिर नौ जम्मू से और सात कश्मीर से होते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम में हालांकि ऐसा कोई नियम नहीं है। उदित राज ने कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम के सभी खिलाड़ी एक शहर या राज्य से भी चुने जा सकते हैं। यदि दलितों की भागीदारी आरक्षण के जरिए सुनिश्चित की जाए तो भारतीय टीम मजबूत हो सकती है। प्रोन्नति में आरक्षण की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलित राजनीति क रूप से नहीं बल्कि सामाजिक रूप से भी बटा हुआ हैं।
इससे पहले केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने भी पिछले दिनों कहा था कि भारतीय क्रिकेट टीम में दलितों का 25 प्रतिशत कोटा होना चाहिए। उन्होंने कहा था, ”कई बार भारतीय टीम हारती है। इसलिए आरक्षण होगा तो टीम जीत सकती है। यदि दलित खिलाड़ी को मौका मिलेगा तो अच्छा होगा। उन्होंने दावा किया कि इस तरह की मांग करने वाले वे नेता हैं। यह बात वह तब कर रहे हैं जब वह सत्ताधारी पार्टी के सांसद है। ते क्या वाकई यह देश बदल रहा है?