नई दिल्ली : फोरेंसिक ऑडिट करने वाली डेलॉइट की जाँच रिपोर्ट में पाया गया है कि टाटा की हिस्सेदारी वाली एयरलाइन्स कंपनी एयर एशिया में अवैध लेनदेन के आरोपों में दम है। डेलॉइट ने अपनी ऑडिट जाँच रिपोर्ट में पाया है कि एयर एशिया इंडिया के पूर्व चीफ मिट्ठू चांडिल्य के एक सहयोगी को कंपनी द्वारा राजनेताओं और मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकों की व्यवस्था करवाने के लिए बड़ी रकम दी गई थी। साथ ही यह भी पाया गया है कि एयर एशिया और सिंगापुर में एक नॉन-एक्सिसटेंट इंटिटीज के बीच 22 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ था।
गौरतलब है कि 25 अक्टुबर को टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री को हटाये जाने के बाद उन्होंने एक ई-मेल में आरोप लगाया था कि एयर एशिया में 22 करोड़ का अवैध ट्राजैंक्शन हुआ था। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ऑडिट में पाया गया है कि एयर एशिया के पूर्व चीफ मिट्ठू चांडिल्य के एक करीबी राजेंद्र दुबे ने उन्हें एयर एशिया इंडिया (AAIL) के लिए संपर्क गतिविधियों मदद की और देशभर के नेताओं और मुख्यमंत्रियों से बैठकों की व्यवस्था करवाई। इसके लिए बड़ी रकम 12.5 करोड़ का भुगतान किया गया
यह कोई पहला मौका नही है जब टाटा पर आरोप लगे हैं कि वह किसी बाहरी व्यक्ति के जरिये नेताओं और सरकार से लॉबिंग कर रहे हैं। डेटोइट के ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि टाटा के सीनियर एक्सिक्यूटिव ने दुबे को 'एचएनआर ट्रेडिंग' के जरिये भुगतान किया। ऑडिट में पाया गया है कि एक अन्य ट्रांजेक्शन में एक मीडिया सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी इमीग्रेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को 10.05 करोड़ दिए गए। ऑडिट द्वारा जब इस कंपनी के पतों का दौर किया गया तो कंपनियां बोगस निकली। ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि पेमेंट चांडिल्य के निर्देशन में किया गया हालांकि उनके सहयोगी दुबे ने इस ऑडिट को बेस लेस बता दिया था।
बता दें कि एयर एशिया इंडिया और मलेशिया की एयर एशिया बारहेड का जॉइंट बेंचर है। जिसमे में टाटा की 51 फीसदी हिस्सेदारी है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री पहले ही कह चुकी है कि वह टाटा सन्स और साइरस मिस्त्री के बीच शुरू हुए विवाद पर करीबी से नजर बनाए रखे हुए है।मिनिस्ट्री ने कहा था कि अगर कुछ भी गलत निकलता है, तो उसकी जांच की जाएगी।