आज का दिन मेरी ख़ुशी का दिन है। आप सोच रहे होंगे किस बात की ख़ुशी। तो आपको बताती चलूँ कि आज मेरी बिटिया का जन्मदिन है। शादी के एक बहुत लम्बे पीड़ादायी अंतराल के बाद बच्चों से सूने घर में ख़ुशी की किलकारी गूँजी तो प्यार से घर-परिवार और सभी लोग 'ख़ुशी आ गई', ख़ुशी आ गई' कहने लगे तो हमारी ख़ुशी सबकी ख़ुशी बन गई। आज उसका १९वां जन्मदिन है। मेरे बेटे के १०वीं के प्री बोर्ड की परीक्षा चल रही है इसलिए हम चारों ने ही केक काटा और उससे कह दिया 'हैप्पी बर्थडे ख़ुशी"
मेरी बिटिया को अच्छा-अच्छा खाने और पहनने का शौक है। इसलिए आज दिन में न्यू मार्केट जाकर मैंने उसे उसकी पसंद की दो ड्रेस दिला दी तो वह बहुत खुश हुई और शायद उसने अब तक उसे अपने इंस्ट्राग्राम अकॉउंट में शेयर भी कर दिया होगा। वह कोई भी चीज होगी उसके फोटो जरूर लेगी और फिर इंस्ट्राग्राम में पोस्ट कर देगी। मैं उसे टोकती हूँ लेकिन वह मानती नहीं। मैं उसे समझाती हूँ बेटा कुछ चुनिन्दा फोटो ही शेयर करनी चाहिए लेकिन ये आजकल औलादें मानती हैं क्या?
आजकल वह महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज से मॉडर्न ऑफिस मैनेजमेंट में डिग्री के साथ ही प्रायवेट कॉलेज से बी.कॉम. कर रही है। स्कूल में तो वह पढ़ने में थोड़ी कमजोर थी लेकिन कॉलेज वाले कहते हैं कि वह उनके टॉप १० स्टूडेंट में से एक है, तो हमें ख़ुशी है।
अब चलती हूँ कल फिर मिलूँगी।
आप यह गीत गुनगुनाकर मेरी बिटिया को आशीष देना न भूलें-
तुम जियो हज़ारों साल
साल के दिन हों पचास हज़ार
सूरज रोज़ आता रहे, रोज़ गाता रहे
ले के किरणों के मेले
पल-छिन, कलियाँ गिन-गिन, तेरा हर दिन
तब तक रंगों से खेलें
रंग जब तक बाकी है बहारों में
तुम जियो हज़ारों साल...