shabd-logo

अभी बात उसकी अधूरी है

6 फरवरी 2022

72 बार देखा गया 72

आज रविवार है यानि छुट्टी का दिन, कामकाजी महिलाओं के लिए दफ्तर को भुलाकर देर तक सुख स्वप्नों में विचरण करते रहने का दिन। इसलिए आज दैनिक दिनचर्या से हटकर बहुत देर बाद जागना हुआ। अब भले ही हर छुट्टी के दिन दफ्तर ताले में बंद कर दिए जाते हों, लेकिन घर में किचन एक ऐसी जगह है, जहाँ घरवालों को यदि भूले से भी ताला लगा दिख जाय तो हाहाकार मचने में देर नहीं लगेगी। खैर ऐसी नौबत न आये इसलिए हर छुट्टी के दिन की तरह ही मैंने जल्दी-जल्दी नहा-धोकर सबसे पहले नाश्ता-पानी तैयार कर फुर्सत पा ली और फिर सीढ़ियों में जहाँ दिन में लगभग एक बजे तक ही धूप रहती है, वहाँ सर्दी की गुनगुनी धूप का आनंद उठाते हुए अभी मोबाइल से व्हाट्सअप, फेसबुक और ब्लॉग की दुनिया में कुछ क्षण विचरण कर ही रही थी कि हमारे 1760 काम वाले भैया टपक पड़े। अरे वही भैया जिनके बारे में मैंने एक दिन पहले ही बताया था, जिनको घर बसाने के लिए एक लड़की की तलाश है। खैर कुशलक्षेम पूछने के बाद जैसे ही मैंने इंदौर जाकर लड़की पसंद कर आने की बात कही तो वह एक ही सांस में बोल उठा-  " लड़की तो मुझे बहुत पसंद है और मैं झांकी भी ऐसे जमाकर आया हूँ कि उसके घरवाले और आस-पड़ोस वाले भी खुश हो गए।" मेरे पूछने पर कि कैसी झांकी तो वह बोला- " मेरे बॉस ने दो गाड़ियां लगवा ली थी, जिसमें बिठाकर मैंने लड़की और उसके परिवार को शहर भर घुमाया और एक अच्छे  होटल में खाना भी खिलाया। जहाँ घूमते-घामते उनसे अच्छे से बातचीत भी हो गयी। लड़की के घरवालों ने घर पहुंचकर भी लड़की से अलग से बात करवा दी थी। कुल जमा उन्हें मैं पसंद तो आ गया हूँ लेकिन लड़की ने अभी एक सप्ताह तक देख-समझने के बाद अपना निर्णय सुनाने का कहकर एक पेंच लगा छोड़ा है, बस उसी का खटका मन में है ।"  उसके मन की खटकन दूर करने के हिसाब से जैसे ही मैंने  चिंता न कर, सब ठीक हो जाएगा, कहा तो वह फिर सुनाने लगा- " हाँ, ऐसी उम्मीद तो है लेकिन भाभी जी अब पहले जैसी बात तो रही नहीं कि लड़की के माँ-बाप ने उसे जिस लड़के के साथ शादी तय की हो, लड़की ने चुपचाप उसी से शादी कर ली हो।"  मेरे हां ये बात तो है कहने पर वह फिर आगे बताने लगा-  "आज परिवार से पहले लड़की की मर्जी जरुरी समझी जाती है, नहीं तो क्या-क्या नाटक हो जाते हैं, यह किसी से छुपे तो नहीं हैं। इसलिए मन से आशंका के मँडराते बादल छंटने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। अब भगवान जाने उसका क्या जवाब होता है।" खैर अब मैं उसकी पैरवी करते हुए आज रात को लड़की से बात करने वाली हूँ और उसकी हमारे १७६० काम वाले भैया के बारे में राय जानना चाहती हूँ, अब वह इस बारे में क्या कहती है, वह अगले चरण में, फिलहाल निष्कर्ष रूप में यही कहूँगी कि-   

अभी उसकी कुछ बात हुई है 

उनसे पहली मुलाक़ात हुई है 

कुछ समय माँगा है उसने 

अभी बात उसकी अधूरी है 

दो दिल एक होने में अभी 

और कुछ समय की दूरी है


Papiya

Papiya

अति सुन्दर ✌🏼

6 फरवरी 2022

20
रचनाएँ
दैनन्दिनी : दुनियादारी की बातें
0.0
दैनिक डायरी लिखने के लिए आज से पहले कभी सोचा न था। कारण मैं समझती हूँ कि अपने आस-पास या किसी विषय भी पर लिखने से अधिक अपनी दिनचर्या के बारे में लिखना कठिन है। लेकिन शब्द.इन मंच की बात ही कुछ और हैं, जहाँ आकर मैं देखती हूँ कि यहाँ जिस तरह से नवोदित लेखकों के मध्य स्वस्थ प्रतियोगिताओं के माध्यम से उन्हें निरंतर लिखते रहने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, वह अन्य दूसरे मंचों पर प्राय: देखने को नहीं मिलता है। यद्यपि एक माह में 20 पोस्ट लिखना कठिन जान पड़ रहा है, फिर भी एक माह में निर्धारित दैनन्दिनी लिखने का मेरा सम्पूर्ण प्रयत्न रहेगा, जहाँ मैं देखना चाहूँगी कि इस दिशा में मैं कहाँ तक सफल रहूँगी।
1

तेरा साथ है तो...

3 फरवरी 2022
5
2
3

ॐ गं गणपतये नमः  आज का दिन मेरे लिए विशेष है, क्योंकि आज मेरे  जीवनसाथी का जन्मदिन है, इसलिए मैंने सोचा क्यों न दैनन्दिनी का आगाज इस दिन विशेष से किया जाय। आज सुबह जब उठी तो सबसे पहले उठकर मैंने

2

एक बेचारा 1760 काम का मारा

4 फरवरी 2022
2
1
1

          आज सुबह 7 बजे के लगभग जब मैं नहा-धो, पूजा-पाठ कर किचन में खाना बनाने की जुगत में भिड़ी ही थी कि तभी दरवाजे की घंटी बजी तो मैंने बिटिया को देखने के लिए आवाज दी और अनुमान लगाने लगी कि आखिर इतनी

3

मेरी बगिया का वसंत

5 फरवरी 2022
3
3
2

                  ऑफिस की छुट्टी हो और ऊपर से जाड़े का मौसम हो तो सुबह आँख जरा देर से खुलती है। आज भी कुछ ऐसा ही हुआ।  सुबह जब उठकर बाहर निकली तो देखा कि बिल्डिंग की दूसरी मंजिल में रहने वाली हमारी

4

अभी बात उसकी अधूरी है

6 फरवरी 2022
1
1
1

आज रविवार है यानि छुट्टी का दिन, कामकाजी महिलाओं के लिए दफ्तर को भुलाकर देर तक सुख स्वप्नों में विचरण करते रहने का दिन। इसलिए आज दैनिक दिनचर्या से हटकर बहुत देर बाद जागना हुआ। अब भले ही हर छुट्टी के द

5

माँ का संघर्ष जारी है

7 फरवरी 2022
4
3
2

आज मेरी माँ का जन्मदिन है।  हरवर्ष  उनके जन्मदिन पर हम सभी भाई-बहिन उनकी ख़ुशी की खातिर थोड़ा-बहुत खाना-पीने का कार्यक्रम करते हैं तो उन्हें यह देख बड़ी ख़ुशी मिलती हैं।  इसलिए आज सुबह-सुबह सबसे पहले मैं

6

तेरा साथ है तो .....

8 फरवरी 2022
4
4
3

आज सुबह एक बहुत पुराने बक्से में रखे जमीन के कुछ कागजाद की जरुरत पड़ी तो उनके साथ मुझे मेरी एक पुरानी सखी (डायरी) भी मुस्कुराते मिल गई। मैंने उसे  गले लगाया तो वह चहककर बोली- "आखिर आ ही गई मेरी याद तुझ

7

अपनी जड़ों के करीब ...

10 फरवरी 2022
0
0
0

आज रात मुझे एक जगह लड़की के विवाह समारोह तो दूसरी जगह बिटिया के जन्मोत्सव में सम्मिलित होने जाना है, इसलिए सोचा इससे पहले आज कुछ लिखती चलूँ।  कल शब्द.इन की पेड पुस्तक प्रतियोगिता के लिए "प्यार का खत लि

8

जिंदगी भर का घाव

12 फरवरी 2022
3
2
2

अभी सुबह-शाम ठण्ड है इसलिए सुबह देर तक रजाई में घुसे रहना अच्छा लगता है और सुबह अच्छी गहरी नींद भी आती है। लेकिन इससे पहले कि मैं आज देर से जागती तड़के मोबाइल की घंटी घनघनाने लगी तो उनींदी आँखों से मोब

9

नश्वर यह सारा अग-जग

13 फरवरी 2022
0
0
0

 आज भले ही छुट्टी का दिन था, लेकिन मैं और दिन की अपेक्षा जल्दी से उठी और कल जो मेरी ऑफिस की महिला मित्र के बड़े बेटे ने आत्महत्या की थी, उनके परिवार और रिश्तेदारों के लिए कुछ नाश्ता-पानी बनाकर ले गई। ऐ

10

बुढ़ापा आ गया सरकार हिम्मत हार बैठा हूँ

14 फरवरी 2022
3
1
3

हमारे ऑफिस में पदस्थ एक महिला अधीक्षक कई वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हुई हैं। उनके पति उनसे पहले सेवानिवृत हो गए थे।  वे एक सरकारी स्कूल में प्राइमरी के अध्यापक थे। वे दोनों हमारे घर से कुछ ही दूरी पर रहते

11

ये पीने वाले बहुत ही अजीब होते हैं

15 फरवरी 2022
2
1
1

जमाना बदला तो उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर करने के स्थान पर पहले अंगूठा तो अब थोबड़ा दिखाकर हाजिरी लगनी क्या शुरू हुई कि समय पर ऑफिस जाना ही पड़ता है। पहले की तरह अब नहीं चलता कि देर से पहुंचे और कोई बहा

12

सिटी मार्केट की घिच पिच और पुच पिच में ....

16 फरवरी 2022
0
0
0

ये आजकल के बच्चे भी न, कितना भी इन्हें समझा लो कि बेटा अपनी चीजों को सावधानी के साथ संभालकर जगह पर रखा करो, लेकिन ये दो-चार दिन तो ठाक-ठाक चलेंगे  और फिर वही अपने पुराने ढर्रे पर आ जाएंगे।  वही ढाक के

13

गाँव-शहर में शोर पानी चोर-पानी चोर

17 फरवरी 2022
2
1
2

आज दो दिन हो गए। नल से पानी की एक बूँद भी नहीं टपकी।  ये पानी वाला डिपार्टमेंट भी बोलता कुछ और है और कर जाता कुछ और ही है।  इधर हमको कहा एक दिन की परीक्षा है और उधर दो दिन तक बिठा के रख दिया।  कहाँ तो

14

माथे पर साइबर ठगी की बढ़ती चिंता की लकीरें

18 फरवरी 2022
0
0
0

आज सुबह-सवेरे जब मैं घर से बाहर निकलकर आँगन में टहल रही थी, तो  एक लड़का और एक अधेड़ उम्र का आदमी मोटर सायकिल से उतरकर मुझे हमारे बिल्डिंग में रहने वाले यादव जी के घर का पता पूछने लगे। वे बहुत हैरान-परे

15

जब बात अपनी हो तो ......

19 फरवरी 2022
2
1
1

आज हमारी बिल्डिंग के सामने वाली बिल्डिंग में रहने वाले खरे साहब की लड़की का रिसेप्शन है। खरे साहब और उनकी श्रीमती जी दोनों नौकरी करते हैं।  उनके दो बच्चे हैं।  एक लड़का है एक लड़की। लड़का वकालत करता है और

16

मेरी ख़ुशी का दिन

20 फरवरी 2022
0
0
0

आज का दिन मेरी ख़ुशी का दिन है। आप सोच रहे होंगे किस बात की ख़ुशी।  तो आपको बताती चलूँ कि आज मेरी बिटिया का जन्मदिन है। शादी के एक बहुत लम्बे पीड़ादायी अंतराल के बाद बच्चों से सूने घर में ख़ुशी की किलकारी

17

हमारे गांव वाले बाबा

21 फरवरी 2022
0
0
0

आज सुबह-सुबह नहा धोकर जब मैं पूजा करने अपने घर के पास के मंदिर गई तो वहाँ मुझे एक बुजुर्ग बाबा जी बैठे मिले। वे मंदिर के बाहर अकेले बैठे थे। मैं जैसे ही पूजा कर मंदिर से जल्दी घर की ओर निकली तो उन्हों

18

स्मार्ट सिटी की सड़कों पर पलीता लगाते लोग

22 फरवरी 2022
0
0
0

पिछले दो वर्ष से अधिक समय से कोरोना के मारे घर में मुर्गा-मुर्गियों के दबड़े की तरह उसमें दुबक कर रह गए थे। अभी दो चार दिन से मौसम का मिजाज गर्मियाने लगा तो सोचा सुबह-सुबह घूमने-फिरने की शुरुआत की जाय।

19

घर-परिवार की परीक्षा के दिन

25 फरवरी 2022
0
0
0

आज सुबह घूमने नहीं जा पा रही हूँ। मेरे बेटे की १० वीं सीबीएसई के प्री.बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं। वह बिस्तर पर बैठे-बैठे अपनी किताबों में खोया है और  और कभी-कभी ऑंखें बंद कर मनन कर रहा है। इस बार स

20

कविता संग्रह का उपहार

27 फरवरी 2022
6
2
3

आज सुबह जैसे ही मैं जागी तो मैंने देखा कि मेरे पतिदेव बड़ी उत्सुकता के साथ मेरे सामने खूबसूरत पैकिंग किया हुआ उपहार अपने हाथों में पकड़े हुए खड़े थे। वे मुझे देखकर चुपचाप खड़े-खड़े मंद-मंद मुस्कुराते ज

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए