नई दिल्ली : पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक अयमान अल-जवाहिरी को पनाह दे रखी है। दुनिया के खूंखार आतंकी ओसमाबिन लादेन का दहिना हाथ जवाहिरी कराची में छिपा हुआ है। अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। 2001 से ही आईएसआई दे रही है पनाह। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, न्यूजवीक ने अपनी इन्वेस्टिगेटिव स्टोरी में कहा कि अमेरिकी सेना ने 2001 के आखिर में अल कायदा को अफगानिस्तान छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। तभी से आईएसआई जवाहिरी को पनाह दे रही है। वीकली मैगजीन ने कई ऑफिशियल सोर्सेज के हवाले से यह दावा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है, आज की डेट में जवाहिरी के कराची में होने की पूरी संभावना है। अरब सागर के किनारे बसी इस पोर्ट सिटी में 2.60 करोड़ लोग रहते हैं।
एबटाबाद में मिले दस्तावेजों से मिली जानकारी
अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA में रह चुके ब्रूस रिडिल (30) कहते हैं, "जवाहिरी की लोकेशन का कोई पुख्ता सबूत नहीं है, लेकिन इसके कुछ बेहतर संकेत जरूर हैं जिनमें एबटाबाद से मिले दस्तावेज भी शामिल हैं।" ब्रूस रिडिल यूएस सिक्युरिटी एक्सपर्ट हैं। ये अमेरिका के 4 प्रेसिडेंट के टेन्योर में साउथ एशिया और मिडिल ईस्ट पर उनके टॉप एडवाइजर रहे हैं। ब्रूस रिडिल कहते हैं, "कराची जवाहिरी के छिपने के लिए आरामदेह जगह होगी, वह सोचता होगा कि अमेरिकी वहां नहीं पहुंच सकते और उसे पकड़ नहीं सकते। दरअसल, कराची में यूएस कमांडोज के लिए वैसी छापामार कार्रवाई करना बेहद मुश्किल है जैसी लादेन के लिए 2 मई 2011 को एबटाबाद में की गई थी।" बता दें कि एबटाबाद पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रोविंस का एक शहर है, जहां 2011 में एक घर में अमेरिकी कमांडो ने लादेन को मार गिराया था।
कोई बड़ी लालच दी गई होगी
ब्रूस रिडिल कहते हैं, "अगर जवाहिरी अफगानिस्तान बॉर्डर पर कहीं रहा होगा तो मुझे लगता है कि उसे वहां से जाने के लिए कोई बड़ी लालच दी गई होगी, लेकिन कराची से उसे जाने के लिए कहना बहुत मुश्किल काम होगा।" मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने जवाहिरी को मारने की पिछली कोशिश जनवरी 2016 में ड्रोन हमले के जरिए की थी, लेकिन वह बच निकला था। हालांकि हमले में उसके 4 सिक्युरिटी गार्ड्स मारे गए थे। 66 साल का जवाहिरी इसके पहले भी कई हमलों में बच निकला था।
ब्लैग लेग के तहत कराची भेजा गया जवाहिरी
रिपोर्ट में तालिबान के पूर्व मंत्रियों में से एक के हवाले से कहा गया है, "ग्रुप (तालिबान) के कंट्रोल वाले इलाकों में जवाहिरी और अल कायदा लंबे वक्त तक साथ नहीं रहे क्योंकि तालिबान बाद में अफगान सरकार के साथ शांति समझौता करने में जुट गए थे। तालिबान नहीं चाहता था कि उसकी इमेज शांति के लिए खतरे के तौर पर रहे।" "जवाहिरी को बाद में ब्लैग लेग के तहत कराची भेज दिया गया था। ब्लैग लेग अफगान तालिबान का कोड नेम था जो आईएसआई ने रखा था।"
कौन है अयमान अल-जवाहिरी ?
मिस्त्र में जन्मा जवाहिरी एक ट्रेंड सर्जन है। वह ओसामा बिन लादेन का सलाहकार था। लादेन के मारे जाने के बाद अल कायदा की कमान जवाहिरी के हाथों में चली गई थी। यह पहली बार है कि किसी न्यूज रिपोर्ट में अल कायदा चीफ की लोकेशन के बारे में जानकारी दी गई है।