shabd-logo

आता मांझी सटकली...

3 सितम्बर 2022

38 बार देखा गया 38

आता मांझी सटकली... 

दशरथ मांझी, एक ऐसा नाम जो इंसानी जज़्बे और जुनून की मिसाल है, वो दीवानगी, जो प्रेम की खातिर ज़िद में बदली और तब तक चैन से नहीं बैठी, जब तक कि पहाड़ का सीना चीर दिया।

जिसने रास्ता रोका, उसे ही काट दिया।

बिहार में गया के करीब गहलौर गांव में दशरथ मांझी के माउंटन मैन बनने का सफर उनकी पत्नी का ज़िक्र किए बिना अधूरा है, गहलौर और अस्पताल के बीच खड़े जिद्दी पहाड़ की वजह से साल 1959 में उनकी बीवी फाल्गुनी देवी को वक़्त पर इलाज नहीं मिल सका और वो चल बसीं, यहीं से शुरू हुआ दशरथ मांझी का इंतकाम 22 साल की मेहनत पत्नी के चले जाने के गम से टूटे दशरथ मांझी ने अपनी सारी ताकत बटोरी और पहाड़ के सीने पर वार करने का फैसला किया, लेकिन यह आसान नहीं था, शुरुआत में उन्हें पागल तक कहा गया, दशरथ मांझी ने बताया था, 'गांववालों ने शुरू में कहा कि मैं पागल हो गया हूं, लेकिन उनके तानों ने मेरा हौसला और बढ़ा दिया।अकेला शख़्स पहाड़ भी फोड़ सकता है। 

साल 1960 से 1982 के बीच दिन-रात दशरथ मांझी के दिलो-दिमाग में एक ही चीज़ ने कब्ज़ा कर रखा था. पहाड़ से अपनी पत्नी की मौत का बदला लेना. और 22 साल जारी रहे जुनून ने अपना नतीजा दिखाया और पहाड़ ने मांझी से हार मानकर 360 फुट लंबा, 25 फुट गहरा और 30 फुट चौड़ा रास्ता दे दिया

दुनिया से चले गए लेकिन यादों से नहीं। 


दशरथ मांझी के गहलौर पहाड़ का सीना चीरने से गया के अतरी और वज़ीरगंज ब्लॉक का फासला 80 किलोमीटर से घटकर 13 किलोमीटर रह गया। केतन मेहता ने उन्हें गरीबों का शाहजहां करार दिया। साल 2007 में जब 73 बरस की उम्र में वो जब दुनिया छोड़ गए, तो पीछे रह गई पहाड़ पर लिखी उनकी वो कहानी, जो आने वाली कई पीढ़ियों को सबक सिखाती रहेगी।

अमर सिंह

अमर सिंह

Dil me Josh or junun ho to kya nahi ho sakta

27 सितम्बर 2022

12
रचनाएँ
अनदेखा अनसुना
5.0
दिनचर्या पर आधारित
1

तलवार:- शक्ति का रूप

2 सितम्बर 2022
4
3
2

तलवार जिसमे मां भवानी का वास होता है जो माँ शक्ति और कुलदेवी का स्वरूप है के लिए कई सारी बातें और परंपरा राजपूतो में युगों युगों से चली आ रही है जैसे कि - 1. राजपूतो की बेटी का गठबंधन तलवार के साथ

2

आता मांझी सटकली...

3 सितम्बर 2022
1
2
1

आता मांझी सटकली...  दशरथ मांझी, एक ऐसा नाम जो इंसानी जज़्बे और जुनून की मिसाल है, वो दीवानगी, जो प्रेम की खातिर ज़िद में बदली और तब तक चैन से नहीं बैठी, जब तक कि पहाड़ का सीना चीर दिया। जिसने रास्ता

3

क्षत्राणी पन्नाधाय...

3 सितम्बर 2022
0
0
0

क्षत्राणी  पन्नाधाय : मेवाड़ के इतिहास में जिस गौरव के साथ प्रायः वीर शीरोमणि महाराणा  प्रताप को याद किया जाता है, उसी गौरव के साथ पन्नाधाय का भी नाम लिया जाता है। जिन्होनें स्वामी भक्ति को सर्वो

4

राजमाता नायिका देवी पाटन

3 सितम्बर 2022
0
0
0

"राजमाता नायिका देवी पाटन" *क्षत्राणी "चालुक्य (सोलंकी) राजपूतो का पराक्रम" *राजमाता नायिका देवी जिसने साबुद्दीन मोहम्मद गोरी को भारत में पहली पराजय का रास्ता दिखाया युद्धभूमि में धूल चटा दी थी।

5

कविता...

4 सितम्बर 2022
0
0
0

नीचे जो कविता है उसमें  मेंढक ढोल भेज रहा है  भालू नाच रहा है  गधा गा रहा है  कहने का भाव यह है कि उस समय कविताओं मे भी हमारे भाव और सोच सीमित थी हर एक किरादार ऐसा रखा जाता था कि हमें याद रहे है 

6

ऑटोमेटिक व्यवस्था

5 सितम्बर 2022
1
2
1

इस जीवन मे बहुत सी चीजो कि ऑटोमेटिक व्यवस्था है । जैसे , साक्षर होने के लिए आपको पढ़ने जाना पडता है, लेकिन निरक्षर होने के लिए कहीं नहीं जाना पडता ऑटोमेटिक व्यवस्था है, अमीर होने के लिए मेहनत कि जरूर

7

एक नई उड़ान

16 अक्टूबर 2022
0
0
0

एक नई उड़ान---------------------------------------------------- क्या आप केतकी को जानते हैं? थोड़ा याद कीजिए। नहीं याद आ रही तो चलिए हम ही बताते हैं। पिछले दिनों मैं चर्चित मॉडल

8

सौतन

7 मई 2023
0
0
0

अपने पति के लिए तीन सौतन ढूंढ रही है ये पत्नी, बत्तीस हजार वेतन भी देगी, वजह जानकर दंग रह जाएंगे आप दुनिया की कोई भी महिला नहीं चाहेगी कि उसकी जीवन में ‘सौतन‘ का आना हो। लेकिन क्या हो जब एक पत्नी ही

9

घोडों के स्टेच्यु की पहचान...

10 सितम्बर 2022
0
0
0

घोडों के स्टेच्यु की पहचान... एक पाँव ऊपर किये, कभी दोनो पैर ऊपर किये हुए, तो कभी चारो पैर नीचे किये घोड़े की पीठ पर बैठे हुये कई स्टेचू देखे ।  बचपन से ये जिज्ञासा थी कि आखिर घोड़े के दोनों प

10

अनोखी सभा

4 फरवरी 2024
0
0
0

अनोखी सभा आधी रात का समय था। एकदम शान्त सा वातावरण लग रहा था, लेकिन कुछ आवाजें जो नदी तट से आ रही थी, मानों कोई मीटिंग चल रही हो। मैंने बिस्तर से उठकर देखा, वहाँ तो सचमुच मीटि

11

संभलकर बोले...

15 सितम्बर 2022
7
3
2

मधुर व्यवहार और मीठा बोलना एक कला है...  जो हरेक के पास नहीं होता...  बोलने की कला श्रीराम से सीखो...  जहां रावण ने कड़क जबान से अपने सगे भाई विभीषण को खो दिया...  वहीं श्रीराम ने मीठी जुबान से दुश

12

आत्मरक्षा...

16 सितम्बर 2022
2
0
0

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, ... मस्तक सब बिक जाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे |

---

किताब पढ़िए