लखनऊ :भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के विकास सुशासन, सुदृढ़ कानून व्यवस्था के स्पष्ट संदेश से जनमानस में विश्वास की बहाली के लिए मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ ने ऐतिहासिक कदम उठाकर प्रशासकीय अमले को सचेत कर दिया है।
मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रियों और अफसरों को चल-अचल सम्पत्ति की घोषणा 15 दिन में करने के निर्देश से स्पस्ट होता है कि योगी प्रदेश में प्रभावी पारदर्शी और जबावदेह सरकार बनाना चाहते है । मुख्य मंत्री भलि भाँति जानते है कि लोकतंत्र की पहली बाध्यता पारदर्शिता और जबावदेही है।
विगत 15 वर्षो से लोकशाही इतनी लचर हो गई थी कि उस पर से आम जनता का विश्वास उठ गया था, जिसे फिर से बहाल करना बहुत बड़ी चुनौती है । आम जनता पर सरकार का विश्वास बनाने के लिये मुख्य मंत्री का यह कड़ा कदम है।
पुलिस प्रशासन की बदली हुई व्यवस्था यह प्रमाणित कर रही है कि कानून के रखवाले अब सजग हो गए है । प्रदेश 48 घंटो में ही बदला बदला दिखने लगा है। यह लगने लगा है कि देश बदल रहा है।
माननीय प्रधानमंत्री जी के स्वच्छ भारत अभियान को प्रभावी बनाने के लिए मुख्य मंत्री बनते ही प्रदेश के विभिन्न विभागों के मुखियाओ को स्वच्छता की शपथ दिलाकर शासकीय कार्यो का त्वरित गति से निस्तारित किये जाने की और इशारा किया गया है। शासकीय कार्यो में पारदर्शिता और कार्यकुशलता पर मुख्य मंत्री ने विशेष बल दिया है।
राजनीति क और सामाजिक दायित्वो के सजगता की और कड़ा कदम बढ़ा दिया है। मंत्रियों और नौकरशाहों से सम्पत्ति का ब्योरा मांग कर मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी के संकल्प ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ को आगे बढ़ाया है।
लोग आशावान है कि अखिलेश सरकार में लम्बित केन्द्र की योजनाएं भी अब जनकल्याण के लिए त्वरित गति से चलेगी। प्रदेश सरकार भाजपा के जनकल्याण संकल्प पत्र को मूर्तरूप देने की दिशा में आगे बढ़ी है। भय, भूख, भ्रष्टाचार के विरूद्ध शंखनाद करती उ0प्र0 की योगी सरकार जनकल्याण के पथ पर आगे बढ़ रही है। योगी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार विकास, सृजन, उत्थान और खुशहाली से प्रदेश को अग्रणी बनकर उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के अटल जी के स्वप्न को साकार करेगी।