इस पावन शहीद की धरती को
बदनाम किया गद्दारों ने
जुल्म के ठेकेदारों ने,
इन नालायक हकदारो ने
जब तक कुर्सी का हकदार
मंत्री ही घोटालेबाज है
जिगर से हाथ लगाकर बोलो
क्या भारत आजाद है???
अब इंसानियत की हर सीमा
तार-तार हो जाती है
जब खुलेआम स्त्रियों की इज्जत
सडकों पर लूटी जाती है
इतने हैं कानून यहाँ,
क्या हर कानून बेकार है???
जिगर से हाथ लगाकर बोलो
क्या भारत आजाद है???
यहाँ धन- दौलत की ख़ातिर
वर्दी की नीलामी होती है
कानून तो बिक जाता है
जुल्मों को सलामी होती है
क्या हर मंत्री- नेता यहाँ का
जुल्म का ठेकेदार है???
जिगर से हाथ लगाकर बोलो
क्या भारत आजाद है???
यहाँ धर्म और जाति के नाम पर
दंगे भड़काए जाते हैं
भगवान के घर मन्दिर- मस्जिद भी
तोड गिराए जाते हैं
क्या दंगा भड़काने वालों को,
जीने का अधिकार है???
जिगर से हाथ लगाकर बोलो
क्या भारत आजाद है???
जागो भारत की संतानों!!
भारत माँ ने तुम्हें पुकारा है
इसका हर दुख- दर्द मिटाना
फर्ज और धर्म तुम्हारा है
माँ को दुखी करने वाली
संतान को "साही" धिक्कार है
जिगर से हाथ लगाकर बोलो
क्या भारत आजाद है????
- संध्या यादव "साही"