
नई दिल्ली : भारत इन दिनों इलेक्ट्रॉनिक सामान का बड़ा बाजार बनता जा रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत में मोबाइल फोन के इम्पोर्ट ने गोल्ड के इम्पोर्ट को भी पीछे छोड़ दिया है। जबकि इस बात को हर कोई जानता है कि भारत दुनिया के बड़े गोल्ड इम्पोर्ट करने वाले देशों में शामिल है। एक रिपोर्ट की माने तो बीते अप्रैल के महीने में ही जहाँ भारत ने 4.4 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक सामान का इम्पोर्ट किया, वहीँ गोल्ड का इम्पोर्ट इस महीने 3.8 बिलियन डॉलर का रहा।
साल 2016-17 के 11 महीनों (अप्रैल-फरवरी) में गोल्ड इम्पोर्ट 24.5 प्रतिशत से घटकर 23.1 अरब डॉलर रहा वहीँ इलेक्ट्रॉनिक आयात में 2.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई जबकि एक वक़्त यह 3.7 प्रतिशत गिर गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार- अनुमान है कि साल 2020 तक भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर की डिमांड 400 अरब डॉलर तक बढ़ जाएगी, हालाँकि इसका घरेलू उत्पादन केवल 104 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
भारत वर्तमान में अपने इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की मांग का 65 फीसदी आयात करता है। यदि यही स्थिति बनी रही तो भारत 2020 अपने तेल आयात से ज्यादा खर्च अपने इलेक्ट्रॉनिक आयात पर करेगा। दरअसल भारत में इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स पेट्रोलियम और गोल्ड के बाद तीसरी सबसे जायदा इम्पोर्ट होने वाली श्रेणी है, हालाँकि भारत में गोल्ड का बाजार एक स्थापित बाजार है।
सरकार ने कई बार सोने के आयात पर प्रतिबन्ध लगाने की कोशिशें भी की, लेकिन गोल्ड इम्पोर्ट पर प्रतिबन्ध लगाने से विदेशों से बड़ी मात्रा में गोल्ड तस्करी के रास्ते आने लगा। जबकि गोल्ड इम्पोर्ट में शर्त इस बात की भी है कि इम्पोर्ट का कुछ हिस्सा गहनों के रूप में एक्सपोर्ट भी करना पड़ेगा। जो इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के मामले में नहीं है।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों की माने तो भारत इलेक्ट्रॉनिक सामानों का सबसे ज्यादा आयात चीन से करता है, इस आयात का सबसे बड़ा हिस्सा स्मार्ट फोन का है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2003-04 में भारत ने फोन और एक्सेसरीज का आयात 665.47 मिलियन डॉलर था जो फरवरी 2016-17 के 11 महीनों में 14.3 अरब डॉलर बढ़ गया।
इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) के आंकड़ों के अनुसार चीन ने भारत के स्मार्टफोन बाजार पर आधे से ज्यादा (51.4%) कब्जा कर लिया है। 2016-17 के वित्तीय वर्ष के अप्रैल-फरवरी के दौरान निजी कंप्यूटर और लैपटॉप का आयात 6.77% बढ़कर 1.9 अरब डॉलर तक हो गया।