दिल्ली : लालू यादव के बेटे व बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव पर मिट्टी घोटाले का आरोप लगा है. आरोप है कि तेज प्रताप यादव ने अपनी ही जमीन की मिट्टी पटना चिड़िया घर को 90 लाख रुपये में बेच दी. पटना चिड़िया घर वन विभाग के अंदर आता है जिसके मंत्री तेज प्रताप यादव हैं.
बीजेपी नेता सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि लालू कुनबा ने पटना के बेली रोड में बन रहे मॉल के ज़मीन की मिट्टी को पटना ज़ू में खपाया गया. सुशील मोदी ने मिट्टी घपला का आरोप लगाया है. आरोप है कि इस मिट्टी को पटना में ही बन रहे निर्माणाधीन मॉल की जमीन से लाया गया है. इस जमीन में लालू के परिवार की हिस्सेदारी है. और अब बेटे पर अपनी जमीन से निकली मिट्टी, बिना टेंडर के 90 लाख में चिड़ियाघर को बेच देने का आरोप लग रहा है.
आपको बता दें पटना में बिहार का सबसे बड़ा मॉल बन रहा है. मॉल को delight Marketing Company PVT. LTD नाम की कंपनी बना रही है. साल 2014 में तेजस्वी और तेज प्रताप इस कंपनी के निदेशक बनाए गए. इसके निर्माण का काम Meridian Construction (India) LTD. नाम की कंपनी कर ही है. जिसके मालिक आरजेडी के ही विधायक सैयद अबु दौजाना हैं.
वन विभाग का कहना है
वन विभाग का कहना है कि चिड़ियाघर में 95.75 लाख रुपये की लागत से एक सड़क का निर्माण किया जा रहा है जिसमें मिट्टी काटने और उसके परिवहन और अनलोडिंग के लिए 44.92 लाख रुपये का प्रावधान है. पिछले कई महीने से काम चल रहा था और अब पूरा हो चुका है. लेकिन विभाग अभी तक इस बारे में कोई ठोस जवाब नहीं दे सका है कि इस काम के लिए कोई निविदा क्यों नहीं निकाली गई थी. पटना चिड़ियाघर के निदेशक ने पुष्टि की है कि उन्होंने यह काम बिना किसी टेंडर के दिया है.
सुशील मोदी ने कहा
सुशील मोदी ने दावा किया कि चूंकि लालू यादव को मिट्टी को खपाना था इसलिए पटना चिड़ियाघर ने बिना टेंडर के ये काम वीरेंदर यादव को दिया, जो लालू यादव के करीबी रहे हैं. अब सुशील मोदी ने इस पूरे मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है और साथ-साथ तेजप्रताप यादव को बर्खास्त करने की भी मांग की हैं.
लेकिन इस पूरे मामले ने सुशील मोदी की मानें तो कई सवाल खड़े किए हैं कि क्या कोई निदेशक 90 लाख का काम बिना टेंडर के कर सकता है. दूसरी तरफ लालू यादव के करीबियों को ही ठेके क्यों दिए गए.