माँ और बेटे का प्यार .
...
लहू के रंग से सीमा की
माटी शोभिता कर दी
कटाए शीश पग पर,वीर की
हंसती चिता रख दी
सुहागिन भारती के भाल
की सिंदूर की लाली
सुतों के ढेर की बैराज माँ पर अर्पिता कर दी ई
एक और माँ जो शहीद की पत्नी है
हथेली पर हिना के रंग को
कुर्वन कर देती
वेंदी चूड़ियाँ पायल,वतन के नाम कर देती
गोली दुश्मनों की आये
तो छूकर पलट जाये
लगी तो मांग का सिंदूर, माँ के नाम कर देती ...
जय हिन्द...