नई दिल्ली: यह घटनाएं वैसे तो पुरानी हैं लेकिन हम आपके सामने इन सभी घटनाओं पर एक विस्तार से सीरीज़ पेश करने जा रहा है जिसके ज़रिये आप क़त्ल, वारदात, और जुर्म को बेहद बारीकी से समझ पायेंगे। आज सबसे पहले इस कड़ी में पेश है पहला नाम यानी ग्रिम स्लीपर, आखिर किस तरह देता था जुर्म को अंजाम, सच का हर एक पहलू केवल हमारे पास...
एक एैसा सीरियल किलर जिसने 1,2 नहीं पूरे 100 महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया, ग्रिम स्लीपर के नाम से कुख्यात इस खूंखार सीरियल किलर का असली नाम लोनी डेविड फ्रैंकलिन जूनियर है. ह अब तक 100 से ज्यादा महिलाओं को अपनी हवस का शिकार बनाकर मौत के घाट उतार देता था. उसके निशाने पर अक्सर गरीब महिलाएं हुआ करती थीं.
इसका पहला शिकार 1985 में 29 वर्षीय डेबरा जैक्सन नामक महिला थी. पूरे तीन दिनों के बाद उसकी लाश एक चादर में लिपटी हुई मिली. डेबरा जैक्सन के सीने पर तीन गोलियों के निशान थे. दरअसल जो महिलाएं देर रात रासते में भटका करती थीं यह उनको अपना शिकार बनाया करता था।
इसका दूसरा शिकार बारबरा वेर नामक 23 वर्षीय युवती थी. उसकी लाश को एक चादर में लपेट कर फेंक दिया गया था. अक्सर अफ्रीकी-अमेरिकी मूल की महिलाएं इसके शिकार में हुआ करती थी. इनमें वेश्याएं भी हुआ करती थीं. यह बेहद ही अच्छे स्वाभाव का और लोगों से मिलने जुलने वाला व्यक्ति था. नवंबर 1988 को इसने एक महिला को लिफ्ट देने के बहाने से रेप किया और उसके बाद उसे मौत के घाट उतार दिया. 1988 के बाद इसने लंबे वक़्त तक वारदात को अंजाम नहीं दिया. 2002 में एक बार फिर इस सीरियल किलर ने एक 14 साल की बर्थोम्यूक्स नाम की नाबालिग मासूम को अपनी दरिंदगी का शिकार करने के बाद मौत के घाट उतार डाला.
अब तो मानों इसको अपराध करने की तलब सी लग गई। 2002 से लेकर 2010 तक यह हर अखबार की सुर्खियों में रहा। आखिर में जुलाई 2010 को पुलिस ने इस खूंखीर सीरियल किलर को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के वक़्त इसकी उम्र 57 साल की थी. इसके घर से पुलिस को क़रीब 180 महिलाओं की तस्वीर बरामद हुई. उसने यह सभी फोटों के एक दीवार के पीछे छिपाई हुई थी. माना यही जाता है कि इन सारी महिलाओं को यह सीरियल किलर या तो मौत के घाट उतार चुका था या उतारने वाला था। हालांकि अदालत में महज़ दस महिलाओं के ही ख़िलाफ़ हत्या के सबूत पेश किये जा सके। जिसके बाद इसे मई में महिलाओं कि मौत के सिलसिले में मौत की सज़ा सुनाई गई।