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मजबूरी

30 जनवरी 2022

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🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤
हम चाहकर भी तेरी मोहब्बत,
अपना नहीं सकते ।
ये मजबूरी है हमारी;
कि हम कुछ चाह नहीं सकते।।
🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤
          - संध्या यादव " साही"

31 जनवरी 2022

13
रचनाएँ
Broken heart💔
5.0
मानव मनोविज्ञान कहता है कि जब कोई हमें नजरअन्दाज करता है तो हमें उतना ही दर्द होता है जितना कि कोई चोट लगने पर होता है। किसी ने सच ही कहा है कि जो जख्म दिखते नहीं हैं,वो दुखते बहुत हैं । कोई मुस्कुरा रहा है , इसका मतलब यह नहीं है कि उसकी जिंदगी में कोई गम नहीं है बल्कि सच तो यह है कि उसे दर्द में भी मुस्कुराने का हुनर आ गया है । और टूटे हुए लोग अक्सर ज्यादा मजबूत होते हैं । इस किताब में एक टूटे हुए दिल के जज्बातों के बारे में पढेंगे।।
1

गुजारिश न कर

29 जनवरी 2022
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साथ पसंद नहीं है मेरा, तो बता दे मुझे।यूँ गैरों से तू गुजारिश न कर।।हम खुशी से छोड देंगे हाथ तेरा अपने हाथ से;तू कह तो सही हमसे, यूँ पीठ पीछे साजिश न कर!!

2

मजबूरी

30 जनवरी 2022
6
4
1

🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤हम चाहकर भी तेरी मोहब्बत,अपना नहीं सकते ।ये मजबूरी है हमारी;कि हम कुछ चाह नहीं सकते।।🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤 - संध्या यादव " साही"

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कमी सी है

3 फरवरी 2022
5
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1

होठों पर मुस्कुराहट तो है, मगर आँखों में नमी सी है।आज सब शामिल हैं मेरी कामयाबी के जश्न में;मगर उसकी कमी सी है। -संध्या यादव " साही"

4

एक तरफा मोहब्बत

6 फरवरी 2022
10
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1

हमारे शहर के नजदीक उसका शहर तक नहीं है ।हमारी चाहत पर उसकी नजर तक नहीं है ।।एक तरफ हम हैं जो उसे इतनी शिद्दत से चाहते हैं;दूसरी तरफ वो है जिसे खबर तक नहीं है ।। &nbsp

5

हाँ! सच है

6 फरवरी 2022
9
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4

रखेंगे सदा तुम्हें दिल में अपने।कभी दिल से बाहर नहीं होने देंगे।।हाँ ! यह सच है कि तुमसे मोहब्बत है;मगर यह भी सच है कि कभी जाहिर नहीं होने देंगे ।। &nbs

6

बस इतनी सी चाहत में

7 फरवरी 2022
9
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2

जब मैं रोती हूँ तो अक्सर मुँह धुल लेती हूँ क्योंकि आँसू पानी में छिपा लेना मेरी आदत है ।। कोई मिले जो उस पानी में भी मेरे आँसू पहचान ले; बस मेरी इतनी सी चाहत है ।। &nbsp

7

वो शख्स

11 फरवरी 2022
8
5
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वो शख्स मेरे हाथों की, किसी लकीर में नहीं था। मुझे तो खुदा ने मिलाया भी उससे, जो दिल में था मगर तकदीर में नहीं था। -संध्या यादव "साही"

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आज भी है

13 फरवरी 2022
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0

मेरी यादों में उसका बसेरा आज भी है । जख्म उसने दिया था,गहरा आज भी है ।। यूँ तो बहुत मिन्नतें कीं भूलने की उसे; मगर दिल के दरवाजे पे उसका पहरा आज भी है ।। &nbs

9

काश!

14 फरवरी 2022
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1

वो पूछते हैं इतना मुस्कुराते क्यों हो? काश! समझ पाते, दर्द छिपाने की कोशिश किया करते हैं । -संध्या यादव "साही"

10

तेरी यादों के सहारे

7 अप्रैल 2022
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0

तेरी यादों के सहारे कुछ सपनों को पाल रक्खा है तेरी हर एक निशानी को अब तक सम्भाल रक्खा है मेरी तो जान ही निकल जाती अब तक मगर मैं जान हूँ तेरी, यही सोचकर खुद का खयाल रखा है।।

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शुक्रिया

5 मई 2022
2
1
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मेरी जिंदगी में आने वाले, हर शख्स का शुक्रिया।दर्द जिसने भी दिया,बेशुमार दिया।। -संध्या यादव "साही"

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अनकहा दर्द

14 मई 2022
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खुली आँखों से सोती हूँ,जब मैं अपने खयालों में होती हूँ ।मेरे दर्द को भला पहचानोगे कैसे;मैं अक्सर बिना आँसुओं के रोती हूँ ।। -संध्या यादव "साही"

13

गलती

1 नवम्बर 2022
1
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0

गलती एक नहीं हजार हुईं मुझसे एक तो मोहब्बत दूसरा चांद सेतीसरा हर बार हुई उससेगलती एक नहीं हजार हुईं मुझसे ।वो जिसके काबिल ही नहीं था मैं,उससे दिल लगा बैठा।अधूरी रह गई मेरी इबादत,मैं एक पत्थर

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