Manoj Kumar
2 किताबे ( 2 हिंदी )
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मैं अपने बारे में क्या बोलूं... बस मैं यही कहना चाहूंगा कि मैं उस परमात्मा परमेश्वर का बनाया हुआ कृति हूं ।
आत्ममंथन
आत्ममंथन एक ऐसी किताब है जिसमें किसी भी विचार को पूर्णता आत्मा की कसौटी पर आत्ममंथन करके आप इसे पढ़ सकते हैं... यह कलुषित विचारों की भावनाओं से कोसों दूर.. सात्विक विचारों से ओतप्रोत विचारों के भंवर से आत्मिक विचारों से आप का साक्षात्कार करवाएगी...
आत्ममंथन
आत्ममंथन एक ऐसी किताब है जिसमें किसी भी विचार को पूर्णता आत्मा की कसौटी पर आत्ममंथन करके आप इसे पढ़ सकते हैं... यह कलुषित विचारों की भावनाओं से कोसों दूर.. सात्विक विचारों से ओतप्रोत विचारों के भंवर से आत्मिक विचारों से आप का साक्षात्कार करवाएगी...
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