नई दिल्ली : आँख के कैंसर रोग से जूझ रहे एक मासूम को नई जिंदगी देने के लिए रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले पोलैंड के चक्का फेंक खिलाड़ी पिओत्र मालाचोवस्की ने अपना पदक नीलाम कर दिया. कैंसर से पीड़ित तीन साल के बच्चे को नया जीवन देने के लिए पिओत्र ने अपना पदक नीलाम कर दिया.
बड़े दिलवाले निकले पिओत्र
गौरतलब है कि खेल में होने वाली प्रतिस्पर्धाओं में खिलाडी के लिए यह सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है कि उसने कब और कौन से खेल में पदक हासिल किया. इसके साथ ही खिलाडी के लिए मेडल उसकी जिंदगी भर की कमाई माना जाता है. ऐसे में एक मासूम की जिंदगी बचाने के लिए अगर उसके इलाज का खर्च किसी खिलाडी के मेडल से निकल आता है, तो वाकई वह खिलाडी बड़ा दिलवाला है. जिसने अपने मेडल की कीमत एक मासूम की जिंदगी से अधिक समझी और उसके इलाज के लिए कर दिया अपना ओलंपिक में जीत हुआ मेडल कर दिया नीलाम.
इलाज के लिए बच्चे की माँ ने लिखा था पत्र
33 साल के विश्व चैंपियन ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि ओलेक नाम के इस लड़के की मां ने उन्हें एक पत्र भेजा था जिसे पढ़ने के बाद उन्होंने अपना पदक नीलाम करने का फैसला किया. उसकी मां ने पत्र में लिखा था कि ओलेक पिछले दो साल से आंख के कैंसर से जूझ रहा है और न्यूयार्क में किया जाने वाला इलाज उसके लिए एकमात्र उम्मीद है.
स्वर्ण से भी अनमोल रत्न के लिए आगे बढ़े पिओत्र
मालाचोवस्की ने पहले नीलामी की घोषणा करते हुए लिखा, ‘‘मैं रियो में स्वर्ण पदक के लिए खेला था. आज मैं सब से उससे भी कहीं ज्यादा अनमोल चीज के लिए लड़ने की अपील करता हूं.’’उन्होंने लिखा, ‘‘अगर आप मेरी मदद करेंगे तो मेरा रजत पदक ओलेक के लिए स्वर्ण से भी ज्यादा कीमती बन सकता है.’’ चक्का फेंक खिलाड़ी ने बाद में पदक का खरीददार मिलने की बात कहते हुए लिखा, ‘‘मैं सफल रहा.’’