नई दिल्ली : भले ही मायावती के भाई आनंद कुमार का नाम भारत के शीर्ष उद्योगपतियों में न शुमार किया जाता हो, लेकिन बीते कुछ सालों में उनकी तेजी से हुई कारोबारी तरक्की एक बार सबको हैरान करने के लिए काफी है. आनंद की दौलत जिस तरह से 7 सालों में बढ़ी. वह सबको हैरान कर देती हैं. दरअसल सवाल इस बात हैं कि जब मायावती यूपी की मुख्यमंत्री थीं तभी आनंद की दौलत 2007 से 2014 के बीच ही क्यों बढ़ी ? इससे पहले क्यों नहीं ?
आनंद ने 7 सालों में 1316 करोड़ रुपये कमाये
इस दौरान आनंद की नेटवर्थ 7.5 करोड़ रुपये से बढ़कर 1316 करोड़ रुपये हो गई. गौरतलब है कि आनंद कुमार बेहद लो प्रोफाइल रहकर काम करते हैं. उनकी तस्वीर भी बड़ी मुश्किल से उपलब्ध है. अंग्रेजी के एक प्रमुख चैनल का दावा है कि आनंद कुमार से जुडी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच से जुड़ी जो डिटेल्स मौजूद है. उसके मुताबिक आनंद ने कागजों पर कंपनियां बनायीं, करोड़ों का संदिग्ध लोन लेने और रियल एस्टेट सेक्टर में बड़े पैमाने पर निवेश किए जाने की बात सामने आई है.
संदेह के घेरे में हैं कौन सी कंपनियां ?
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के संदेह के घेरे में आई कंपनियों में से पहली है-आकृति होटल्स प्राइवेट लिमिटेड. आनंद कुमार की इस होटल में डिबेन्चर शेयर्स के जरिए हिस्सेदारी है. रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के आंकड़ों के मुताबिक आकृति होटल्स दिल्ली की एक कंपनी है. इस कंपनी के तीन डायरेक्टर और 37 इक्विटी शेयर होल्डर्स हैं. हालांकि ये सभी वैध नहीं नजर आते. आकृति होटल्स की कई शेयर होल्डर कंपनियों का वजूद सिर्फ कागजों पर मौजूद है.
क्या कागजों पर चल रही हैं ये कंपनियां ?
आकृति होटल्स में कई कंपनियों-भास्कर फंड मैनेजमेंट लिमिटेड, क्लिफ्टन पियरसन एक्सपोर्ट एंड एजेंसीज, डेल्टन एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड, गंगा बिल्डर्स लिमिटेड की हिस्सेदारी है. इनके पास कुल 5,00,150 शेयर हैं. चैनल के मुताबिक ये कंपनियां कोलकाता के महेशताला स्थित एक ही बिल्डिंग से ऑपरेट करती हैं. तीनों के डायरेक्टर भी एक हैं. जांच करने पर यह भी पाया गया कि इस लोकेशन पर ऐसा कोई ऑफिस नहीं है.
सारी कंपनियों का एक ही तरीका
इसी तरह का पैटर्न आकृति होटल्स के अन्य शेयर होल्डर्स मसलन- नावेल्टी ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड और हरिबोल मार्केट गुवाहाटी के तौर तरीकों में भी नजर आया. मौके पर जाने पर पता चला कि बताए गए पते पर कोई कंपनी मौजूद नहीं थी. मालूम हो कि नावेल्टी ट्रेडर्स के आकृति होटल्स में 27 हजार शेयर हैं. अंग्रेजी चैनल का यह भी दावा है कि उसने देश भर में फैली ऐसी सात कंपनियों के बारे में पता लगाया और सारी कंपनियों में एक कॉमन चीज पाई. ये सारी कंपनियां न केवल कागजों पर ही मौजूद हैं, बल्कि पैसों के लेनदेन को लेकर इनका तौर-तरीका भी एक जैसा है.
ईडी कर रही है मामले की जांच
फिलहाल सूत्रों के मुताबिक इन खुलासों के आधार पर एजेंसियां इन कागजी कंपनियों और इनकी डील्स की जांच कर रही हैं. आपको बता दें कि हाल ही में आनंद कुमार उस वक्त खबरों में आ गए थे, जब ईडी ने मायावती के भाई के अकाउंट में 1.43 करोड़ और बसपा से जुड़े एक खाते में 104 करोड़ रुपये जमा होने का पता लगाया था. रिपोर्ट के मुताबिक यह पैसे 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद खातों में जमा किए गए. इस बात का भी शक जताया गया है कि बसपा और मायावती के भाई के खातों में हवाला लेनदेन के जरिए पैसा पहुंचा.