लखनऊ : जीडीए में अभी तक कैग दुबारा ऑडिट नहीं हुआ है, जिसकी वजह से जीडीए अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है, अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी सरकार की सल्तनत के दौरान दो बार कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ़ इंडिया (कैग) की टीम को रोकने में कामयाब गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) आखिरकार जाँच के फेरे में फंस ही गयी है. उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (आवास) ने शनिवार सुबह प्राधिकरण के ऑफिस में फैक्स भेजकर कैग को जीडीए का ऑडिट करने की अनुमति दे दी है. शनिवार से ही प्राधिकरण के अधिकारियों और अफसरों के तोते उड़े हुए हैं. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि अब क्या करें.
दस्तावेजों को कथित रूप से नष्ट करने की जल्दी
अब यह मुख्य सचिव (आवास) के फैक्स का असर था या फिर दस्तावेजों को कथित रूप से नष्ट करने की जल्दी. मगर शनिवार को माह का दूसरा रविवार होने के बावजूद भी प्राधिकरण का दफ्तर खुला और बात यहीं तक नहीं थमी. रविवार को छुट्टी के दिन भी प्राधिकरण के ज्यादातर अधिकारी ऑफिस में आये हुए थे. कैग से जांच की परमिशन मिलने के बाद अपर सचिव ज्ञान ेन्द्र वर्मा ने प्राधिकरण के अलग-अलग ऑफिसों में जाकर जीडीए के अधिकारियों और सभी कर्मचारियों को अपनी-अपनी फाइलें सुरक्षित रखने का निर्देश दिया।
पीएम ने चुनाव के दौरान जनता से किया था वादा
बता दें कि हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के लिए गाज़ियाबाद में अपनी रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गाज़ियाबाद की जनता से वादा किया था कि यदि प्रदेश में उनकी सरकार बनी तो जीडीए की कैग से ऑडिट करवाई जाएगी और घोटालों में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी.