नई दिल्ली : एक दौर में भारत की सबसे सम्मानित और अपने सिद्धान्तों के लिए जानी जाने वाली टाटा कंपनी अब क्या बदल गई है। टाटा संस से निकाले गए कार्यकारी निदेशक निर्मलय कुमार ने टाटा संस से खुद को हटाये जाने पर एक भावनात्मक पत्र लिखा है। निर्मलय ने लिखा है कि सायरस मिस्त्री के करीबी माने जाने के कारण हटाया गया और यह फैसला क्षणभर में हुआ और बिना उनसे कोई स्पष्टीकरण मांगे बिना। उनका कहना है कि इससे पहले उनसे कोई स्पष्टीकरण भी नही माँगा गया। निर्मल कुमार ने एक ब्लॉग में कहा कि मुझे यह जानकारी मेरे एक सहकर्मी से कॉल करने पर मिली।
निर्मल ने लिखा कि मुझे मेरे सहकर्मी ने बताया कि टाटा में अब आपकी जरूरत नही रही। ''मैंने पूछा कि इसका मतलब यह हुआ कि मैं कल से ही ऑफिस न आऊं और उनका जवाब था हाँ'' निर्मल का कहना है कि मैं 18 साल में पहली बार बेरोजगार हुआ हूँ।
निर्माल्य कुमार ने अपने ब्लॉग की शुरुआत में लिखा है कि ''पिछले सोमवार को मैं 100 से भी ज्यादा छात्रों और मैनेजरों के साथ एक चर्चा में शामिल था। यहाँ कई मुद्दों पर चर्चा हो रही थी कि कैसे कंपनी को आंकड़ों के अध्यययन पर फोकस करना चाहिए। तभी अचानक मेरा पास एक एक सहकर्मी आया और मेरे कान में फुसफुसाकर कहा, सायरस मिस्त्री को हटने के लिए कहा गया है। मैं जब अपने अपार्टमेंट में लौटा तो मैंने अपने एक सहकर्मी को फोन कर इस सम्बन्ध जानकरी इकट्ठा करने की कोशिश की। उसने मुझे जानकारी दी कि अब आपकी जरूरत नही है''।
निर्मल ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि मेरा ध्यान सबसे पहले उन 70 से ज्यादा लोगों की और गया जिन्होंने पिछले कई सालों से कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए बड़ा डाटा तैयार किया था। हम इस ग्रुप की प्रमुख क्षमता को बढ़ाने की दिशा में बढ़ रहे थे।