लखनऊ: बिजली बिल को अभी तक संपत्ति के अधिकार प्रमाणपत्र के तौर पर माना जाता है, मगर आने वाले दिनों में यह व्यवस्था खत्म की जा रही है। मौजूदा व्यवस्था को बिजली कनेक्शन देने की राह में एक बड़ी बाधा के तौर पर चिन्हित किया गया है। अब मोदी सरकार देश के हर घर को बिजली कनेक्शन से जोड़ने के जुगत में जुटी है तो इस व्यवस्था को हटाया जा रहा है, ताकि आसानी से सभी को बिजली कनेक्शन दिया जा सके।
सबसे पहले यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश में ही लागू होगी और उसके बाद अन्य राज्यों को इसके लिए तैयार किया जा रहा है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने यह बात पत्रकारों को बताई।गोयल ने कहा, सबसे ज्यादा बिना बिजली कनेक्शन वाले घर उत्तर प्रदेश में है। यह पता चला है कि इस राज्य में कागजी कार्यवाही के झंझट से बहुत से उपभोक्ता बिजली कनेक्शन नहीं लेते। इस सम्बन्ध में मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ से केंद्रीय ऊर्जा मंत्री की बात हुई थी जिसपर उन्होंने पर सहमति जताई है कि अगर हर घर को बिजली कनेक्शन देना है तो इसकी मौजूदा प्रक्रिया को आसान बनाना होगा।
बिजली बिल को संपत्ति के कानूनी अधिकार के तौर पर देखा जाता है। आगे चलकर यह समाप्त हो जाएगा। यही नहीं मौजूदा व्यवस्था की वजह से बिजली कनेक्शन देने के समय भ्रष्टाचार को बढावा मिलता है। कई जगह से यह सूचनाएं आती है कि स्थानीय बिजली अधिकारी नियम-कानून को ताक पर रख घूस लेकर अवैध तरीके से कनेक्शन दे रहे है। कई अन्य राज्यों के बिजली मंत्रियों ने भी इस बारे में सहमति जताईहै।जुलाई से महंगी हो सकती है बिजली घाटे से उबरने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) बिजली दर बढानें की तैयारी में है।
संभावना है कि जुलाई से बिजली महंगी हो जाएगी। यह जानकारी शनिवार को विशाल चौहान (सचिव, ऊर्जा व एमडी यूपीपीसीएल) ने पत्रकार वार्ता के दौरान दी। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) की समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने बताया कि पेट्रोल, डीजल की तरह बिजली के रेट भी लगातार बढ़ रहे है। इसी अनुपात में बिजली दर बढ़ने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जून में बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव उप्र विद्युत नियामक आयोग को सौंपा जाएगा। चौहान ने उम्मीद जताई कि जुलाई से नई दरें लागू हो सकती है।