नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के नीमच जिले के रतनगढ़ क्षेत्र में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। पैसे ना होने की वजह से एक शख्स को अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए करीब चार घंटे इंतजार करना पड़ा। परिवार वाले मिन्नतें करते रहे लेकिन कर्मचारियों ने लकड़ी देने से साफ इनकार कर दिया। पहले कहा कि "2500 दो तभी होगा अंतिम संस्कार'' और उनके बाद परिवार को महिला के शव को दफनाने की हिदायत दे डाली।
कर्मचारियों ने की 2500 की मांग
नीमच जिले के रतनगढ़ क्षेत्र में शनिवार को नोजी बाई भील नाम को महिला की मृत्यु हो गई थी। महिला के अंतिम संस्कार के लिए जब परिवार के परिजन श्मशानघाट पहुंचे तो वहां पर उन्हें नगर परिषद के कर्मचारियों ने लकड़ी देने से मना कर दिया। वजह थी उनका गरीब होना। उनके पास पैसे ना होना। नगर परिषद के कर्मचारियों ने 2500 की मांग की लेकिन गरीब परिवार के पास देने के लिए मात्र 250 रुपए ही थे।
रोता रहा लाचार पति
कर्मचारी नियम की दुहाई देता रहा और मृतक महिला के पति की आंखों से आंसू गिरते रहे। मृतक महिला का पति कर्मचारी से हाथ जोड़कर दाह संस्कार करने की इजाज्त मांगता रहा। ये सिलसिला चार घंटे तक चलता रहा। आखिरकार लाख कोशिश करने के बाद कर्मचारी ने लकड़ियां उपलब्ध कराईं और दाह संस्कार करने की इजाज्त दे दी।