नई दिल्ली : नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में ब्रोकरों और अधिकारियों की सांठगांठ पर 'इंडिया संवाद' के खुलासे पर अब मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने भी मुहर लगा दी है। सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से कहा है कि वह ब्रोकर्स और अधिकारियों के सांठगांठ की जाँच की जानी चाहिए। 15 जुलाई 2015 को इंडिया संवाद ने अपनी एक 'इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट' में खुलासा किया था कि इस सांठगांठ के द्वारा कुछ ख़ास लोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। सेबी द्वारा दिए गए इस आदेश के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
'द इकनॉमिक टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार अब सेबी ने NSE के चेयरमैन अशोल चावला को एक पत्र लिखकर कहा है कि इस सांठगांठ का पता लगाया जाये। सेबी द्वारा यह लेटर कोलोकेशन को लेकर एक्सपर्ट की रिपोर्ट के बाद लिखा गया है। कोलोकेशन का मतलब ब्रोकरों से फीस लेकर उनके सर्वर एक्सचेंज के पास लगाने से है। सेबी ने NSE से कहा है कि एक्सपर्ट कमेटी ने जो अपनी रिपोर्ट में कहा है इसके अनुसार तीन महीने में इस पर जवाब दिया जाए। गौरतलब है कि सेबी एक्सपर्ट कमेटी ने 7 जुलाई को NSE से कहा था कि इस पूरे मामले में 'फेयर एक्ससेस नॉर्म्स' के उल्लंघन की आशंका थी, जिससे कुछ ब्रोकर्स को फायदा मिल रहा था। एक्सपर्ट कमेटी ने यह भी कहा था कि इसमें ब्रोकर्स को एक्ससेस पॉइंट के जरिये सर्वर पर लॉगइन करने की सुविधा मिलती है।
इंडिया संवाद ने जब इस सांठगांठ का खुलासा किया था तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने 100 करोड़ का आपराधिक मानहानि का मुकदमा ठोक दिया था लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने 'नेशनल स्टॉक एक्सचेंज' को झटका देते हुए कहा कि यह मानहानि का मुकदमा जमीन पर नहीं ठहरता है और मीडिया पर इस तरह कोई मुकदमा ठोकना धोखा है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उल्टा NSE पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। इस खबर के प्रकाशित होने से पहले एक अन्य वेबसाइट 'मनी लाइफ' ने NSE से राय ली थी इसलिए भी NSE को बैकफुट पर आना पड़ा। इंडिया संवाद की खबर को वित्त मंत्रालय की स्थाई समिति ने गंभीरता से लिया था और मामला सेबी तक पहुंचा था।