नई दिल्लीः अन्य पिछड़ा वर्ग पर मोदी सरकार मेहरबानी दिखाने जा रही है। सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) के क्रीमीलेयर की सीमा को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। जिसके तहत आठ लाख सालाना कमाई वाले परिवार के बच्चों को नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। फिलहाल यह सीमा छह लाख है। सरकार का मानना है कि आयसीमा बढ़ने से नौकरियों में योग्य उम्मीदवारों की संख्या भी बढ़ेगी।
यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने क्रीमीलेयर(पिछड़ों में अगड़ों) को आरक्षण का लाभ पाने से रोकने के लिए आयसीमा नियत करने का आदेश दिया था। जिसके बाद से क्रीमीलेयर सिस्टम लागू है।
पिछड़ा वर्ग आयोग ने की थी 15 लाख करने की सिफारिश
केंद्र सरकार ने मसले की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग(एनसीबीसी) गठित किया था। इसके सदस्य अशोक सैनी के मुताबिक आयोग ने केंद्र सरकार से आय सीमा दोगुने से अधिक यानी 15 लाख रुपये सालाना करने की सिफारिश की थी। उन्होंने तर्क दिया कि ओबीसी को 27 फीसद सरकारी नौकरियों में आरक्षण हासिल है, मगर क्रीमीलेयर का पेंच फंसने के कारण 12-15 फीसद आरक्षण का लाभ ही ओबीसी वर्ग के लोग हासिल कर पाते हैं।