एक सच्ची कहानी पर आधारित उपन्यास मेरे आका पाकिस्तानी नारीवादी लेखिका तहरिमा दुर्रानी का है। यह एक दुखद और बेहद चौंकाने वाली कहानी है, जो इस बात का खुलासा करती है कि किस तरह धर्म को कुछ लोगों द्वारा सत्ता हासिल करने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। सांप्रदायिकता का औरतों पर क्या प्रभाव पड़ता है उसको समझने के लिए इस किताब को पढ़ना आवश्यक है।
मेरे आका एक भावनात्मक रोलरकोस्टर है जो पाठकों को तहमीना दुरानी की खूबसूरती से जटिल कहानी में डुबो देता है, जो मानवीय लचीलेपन और प्रेम की शक्ति का एक मार्मिक अन्वेषण पेश करता है।