नई दिल्ली: वंदे मातरम को लेकर विवाद है कि थमने का नाम ही नहीं ले रहा, मेरठ में वंदेमातरम न बोलने पर मेयर ने 7 पार्षदों को नगर पालिका की बैठक से बाहर निकाल दिया। उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के नगर निगम बोर्ड की बैठक में वंदेमातरम को लेकर भाजपा से जुड़े महापौर ने जहां राष्ट्रगीत वंदे मातरम के सम्मान के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ने का ऐलान किया, तो विपक्षी पार्षद किसी भी कीमत पर वंदेमातरम नहीं बोलने पर अड़े गए. जिसके बाद विवाद ने काफी तूल पकड़ा. ग़ौरतलब है कि तक़रीबन चार सालों से यहा पर वंदेमातरम को लेकर लगातार विवाद खड़ा होता रहा है.
वंदेमातरम को लेकर सदस्यता रद्द करने की मांग
नगर निगम बोर्ड की बैठक में वंदेमातरम को लेकर ताजा विवाद की शुरुआत मंगलवार को हुई थी जब विपक्षी मुस्लिम पार्षद वंदेमातरम गायन के दौरान सदन से उठकर बाहर चले गये थे. इस विषय को लेकर विपक्षी पाषर्दों के रुख को देखते हुए महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने कल वंदेमातरम का विरोध करने वाले पाषर्दों की सदस्यता समाप्त करने और ऐसे सदस्यों को सदन में नहीं बैठने का प्रस्ताव रखा, जिसे भाजपा के सदस्यों ने पास कर दिया. भाजपा महापौर की इस कार्रवाई के बाद विपक्षी पाषर्दों द्वारा सदन के बहिष्कार के बाद तो मामले ने और भी तूल पकड़ लिया.
हरिकांत ने कहा नहीं सहेंगे अपमान
मेरठ के मेयर हरिकांत आहलूवालिया ने घोषणा की है कि नगर निगम के हर सदस्य को वंदे मातरम और राष्ट्र गान गाना होगा। अगर सदस्य ऐसा नहीं करेगा तो उसे बोर्ड की मीटिंग में नहीं आने दिया जाएगा या वह इसकी कार्यवाहियों में भाग नहीं ले पाएगा। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद मंगलवार को बोर्ड की पहली मीटिंग में यह घटना हुई। यह घोषणा बोर्ड के कुछ मुस्लिम सदस्यों के विरोध किए जाने के बाद की गई है। इन सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया था जिसके मुताबिक, वंदे मातरम गाना अनिवार्य नहीं है। महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने आज फिर दोहराया कहा कि वंदेमातरम का अपमान कतई सहन नहीं किया जाएगा. लंबे वक्त से वंदे मातरम गाया जा रहा है, लेकिन जो लोग इसे नहीं गाना चाहते थे, उन्हें हॉल के बाहर जाने और इसके खत्म होने पर वापस अंदर आने की छूट थी। लेकिन मंगलवार को जब कुछ मुस्लिम नगर निगम पार्षद कमरा छोड़कर जाने लगे तो बीजेपी के सदस्यों ने चिल्लाते हुए 'हिंदुस्तान में रहना है तो वंदे मातरम गाना होगा' कहकर उनका विरोध किया। इस पर मेयर आहलूवालिया ने ध्वनि मत से रेजलूशन पास करते हुए राष्ट्र गान को गाना अनिवार्य किया तो माहौल गर्म हो गया। इस रेजलूशन को लागू करने के लिए अभी भी सरकार की मंजूरी की जरूरत है। वाकये पर बोलते हुए आहलूवालिया ने कहा, 'यह किसी की मातृभूमि को सम्मान देने का एक तरीका है। गाना तब भी गाया जाता था जब निगम में मुस्लिम मेयर थे। तो अब क्या परेशानी है?'
जब शाहिद ने काह नहीं किया था वंदे मातरम का विरोध
विपक्षी पार्षद शाहिद अब्बासी ने कहा कि हमें शक की नजरों से देखा जा रहा है जबकि हम देश के लिए अपनी जान भी कुर्बान करने से पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने वंदेमातरम पर स्थिति साफ करते हुए कहा कि हमने वंदेमातरम का विरोध नहीं किया है, हम तो अन्य लोगों की भावनाओं का आदर करते हुए उठकर चले आये थे.
शरीफ़ ने कहा वंदे मातरम हमारा मज़हब का नहीं
इस सदन में 80 सीटें हैं जिनमें 45 सदस्य बीजेपी और 25 सदस्य मुस्लिम हैं। एक पार्षद दिवान शरीफ कहते हैं, 'हम बस सुरक्षित बाहर निकल आए क्योंकि माहौल काफी गर्म हो गया था। हमें काफी बुरा लगा। हमारे पूर्वज भी इस देश की आज़ादी के लिए लड़े थे।' पर यह हमारे मज़हब के ख़िलाफ़ है.