... लगभग 433 मिलियन यूजर्स के साथ लिंकेडीन (Microsoft Linkedin acquisition) की साख भी प्रोफेशनल्स के बीच जबरदस्त है. जाहिर है काफी सोच-समझकर यह बिलय प्रक्रिया शुरू की गयी होगी, पर इस क्रम में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या इस अधिग्रहण के बाद 'लिंकेडीन' की साख वैसी ही रह पायेगी? हालाँकि, सत्य नडेला ने इस आशंका को भांप लिया है और उनका तत्काल बयान आया कि लिंकेडीन का खास वर्क-कल्चर बरकरार रहेगा! फरवरी 2016 से चली आ रही बातचीत के बाद अपने-अपने क्षेत्रो में महारत रखने वाली दो कंपनी के बीच हुए इस सौदे में माइक्रोसॉफ्ट ने लिंक्डइन को खरीद लिया हैं. माइक्रोसॉफ्ट और लिंक्डइन के अधिकारियों के बीच 196 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से 26.2 अरब डॉलर नकदी पर यह सौदा हुआ है. यह सौदा कितना बड़ा है, यह इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट को कर्ज तक लेना पड़ा है. हालाँकि, सत्य नाडेला इस सौदे के बाद काफी राहत महसूस कर रहे हैं और उनके अनुसार यह माइक्रोसॉफ्ट का सबसे बड़ा अधिग्रहण है. इस क्रम में उनका यह भी मानना है कि लिंक्डइन के साथ एकीकरण पूरा होने के साथ मौद्रिकरण के लिए नए अवसर का उभार होगा. विशेषज्ञ इसे रेडमॉन्ड की कंपनी के इतिहास का सबसे बड़ा सौदा करार दे रहे हैं तो नाडेला का मानना है कि लिंक्डइन से इस सौदे के बाद क्लाउड कंप्यूटिंग और सर्विस सेगमेंट की उत्पादकता और बिज़नेस कार्यप्रणाली को दुबारा शेप देने में सहायता मिलेगी. सच कहें तो माइक्रोसॉफ्ट भी अब इस सौदे के बाद ऑनलाइन दुनिया में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कर चुकी है और अगर लिंकेडीन को इसी रफ़्तार से स्वायत्ता के साथ बढ़ने दिया गया तो कोई कारण नहीं है कि फेसबुक, गूगल प्लस और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स को माइक्रोसॉफ्ट चुनौती न दे ....