नई दिल्ली: IAS बनने का सपना जितना बड़ा और आकर्षक होता है, उतना ही मुश्किल भी। इसकी तैयारी में कोचिंग से लेकर किताबें और शहरों में रहकर पढ़ाई करने का खर्च सोचकर ही लोगों के होश फ़ाक्ता हो जाते हैं। ऐसे में गरीब और ज़रूरतमंद परिवार के बच्चों को IAS बनाने के लिए अपनी 32 करोड़ की प्रॉपर्टी दान कर दी है। दरअसल, साईं बाबा के भक्त काशीनाथ गोविंद पाटिल ने साईं बाबा संस्थान को दो बिल्डिंगें दान की हैं। काशीनाथ ने बिल्डिंगों के साथ लगे प्लॉट्स भी दान किए हैं। इस प्रॉपर्टी की कीमत 32.27 करोड़ रुपये है।
करियर के यूं तो तमाम विकल्प होते हैं, लेकिन IAS या IPS जैसी सिविल सर्विस की बात ही कुछ और होती है। जी हां देश की व्यवस्था में परिवर्तन मान सम्मान और वह भी कम उम्र में बड़ी जिम्मेदारी ये सब हर किसी को मयस्सर नहीं होता, और यह उन जिनकी वजह से लाखों युवा हर साल सिविल सर्विस का एग्जाम देते हैं। हर साल IAS बनने की कुछ ऐसी कहानियां सुनने-पढ़ने को मिलती हैं, जिसमें गरीब होनहार आभाव और आर्थिक तंगी से जूझते हुए सफलता की इबारत लिखते हैं, लेकिन आईएएस बनने का सपना जितना आकर्षक लगता है यक़ीन जानिए उतना ही मुश्किल भी। इसकी सही से तैयारी करने के लिए कोचिंग से लेकर किताबें और किसी बड़े शहर में रहकर पढ़ाई करने में काफी पैसे खर्च हो जाते हैं। ऐसे में गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों को आईएएस की तैयारी करने में तमाम तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
साईं बाबा के भक्त हैं काशीनाथ
महाराष्ट्र के एक किसान ने अपनी 32 करोड़ की कीमत वाली प्रॉपर्टी को खास वर्ग के बच्चों की मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए दान की है। दरअसल, श्री साईं बााब संस्थान ट्रस्ट IAS की तैयारी कराने के लिए एक अकेडमी बनाना चाहता है, ऐसे में वसई के रहने वाले काशीनाथ पाटिल ने इसके लिए अपनी दो बिल्डिंग्स (जिनकी कीमत 32 करोड़ रुपये हैं) दान में दे दी हैं। शिरडी के पास एक कस्बे में स्थित ये अकेडमी बच्चों को आईएएस बनाने के लिए तैयार करेगी। काशीनाथ गोविंद पाटिल साईं बाबा के बहुत बड़े भक्त हैं। वे शिरडी साईं बाबा के दर्शन के लिए आने वाले लोगों के लिए मुंबई-शिरडी रूट पर रहने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। हालांकि पाटिल ने अपनी बिल्डिंग ट्रस्ट को फ्री में दी है, लेकिन ट्रस्ट को इसके लिए लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी भरनी पड़ी। इस प्रोजेक्ट की देख रेख करने वाले और ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेश हावड़े के मुताबिक़ ये अकादमी गरीब बच्चों को मुफ़्त में ट्रेनिंग और गाइडेंस उपलब्ध करायेगी। बच्चों को पढ़ाने और उनका मार्गदर्शन करने के लिए रिटायर IAS अधिकारी आएंगे। शिरडी में 9782.44 वर्ग फुट के क्षेत्रफल में बने साईं पालकी निवारा नाम के इस कॉम्प्लेक्स का मालिकाना हक इस किसान पाटिल के पास है।
यूं तो भारत में IAS के एग्जाम को बेहद कठिन माना जाता है। इसकी कठिनाई का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं, कि सिर्फ प्री एग्ज़ाम में 95 प्रतिशत से अधिक छात्र असफल करार दिये जाते हैं और जो बचते हैं, वे ही आगे के एग्ज़ाम्स में बैठ पाते हैं और यह कहना भी अतिश्योक्ति नहीं होगी कि आने वाले वक़्त में महाराष्ट्र के काशीनाथ गोविंद पाटिल की इस कोशिश के बाद उत्तर महाराष्ट्र से भी कई बच्चे आने वाले वक़्त में IAS की सूची में अपना नाम दर्ज करा पाएंगे।