वाराणसीः बनारस की गलियों में मोदी और अखिलेश-राहुल का रोड शो सकुशल निपटाने में घंटों सड़क पर खड़ा रहना पड़ा तो जवानों के पैरों में छाले पड़ गए। सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसपी की 12 कंपनियों के अधिकांश जवानों के पैरों में छाले पड़ने की बात कही जा रही है। आखिरी चरण में मतदान होने के बाद अब जाकर जवानों ने राहत ली है।
पुलिस के लिए क्या थी चुनौती
बनारस में राजनीति क दलों के एक साथ पड़े कार्यक्रम ने प्रशासन की चुनौती बढ़ा दी। पुलिस और प्रसाशन का सारा कार्यक्रम चुनौती में बदल गया। पहले दिन यानी 14 तारीख को पीएम का कार्यक्रम मंदिर दर्शन करने जाने का था। और उसी दिन सीएम अखिलेश और राहुल गांधी का रोड शो पहले से तय था। दोनों का समय और रास्ता एक ही था।. लिहाजा पुलिस और प्रसाशन के पेशानी पर पसीना आने लगा. इसे कैसे सकुशल संपन्न कराया जाये इसकी चुनौती सामने आ गई. रोड शो के रास्ते का पहले निरिक्षण किया गया. फिर 13 तारीख की पूरी रात जागकर जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा और पुलिस कप्तान नितिन तिवारी ने जगह-जगह बैरिकेटिंग कराई। ड्रोन कैमरे से रास्ते में पड़ने वाली हर छत का जायजा लिया गया. बम स्क्वायड दस्ते ने चप्पे-चप्पे पर छानबीन की. एंटी माइन, स्नाईफर डॉग इलाके की हर संदिग्ध वस्तु की जांच में जुटे रहे. इसके बाद भीड़ कहीं आगे न आ जाये इसलिए 6000 जवानों को लगभग 3 किलोमीटर रस्सी दे कर डयूटी में तैनात किया गया. रातभर की इस कवायद के बाद 14 तारीख की वो सुबह आ गई जब पीएम मोदी को आना था.