नई दिल्ली : डिजिटल इंडिया के दौर में सबकुछ वायरलेस हो गया। भारत सरकार की टेलीकॉम कंपनियां BSNL और MTNL में भी बड़े बदलाव देखने को मिले। इन कंपनियों के लिए इस्तेमाल होने वाली केबल्स की जरूरत नही रही तो सरकार को अब सबसे बड़ी केबल्स कंपनी 'हिंदुस्तान केबल्स' बंद करने का फैसला लेना पड़ा है।
नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने बुधवार को यह फैसला ले लिया। हिंदुस्तान केबल्स अभी 3139 करोड़ के घाटे से गुजर रही है। सरकार इसमें कुल 1,309.90 करोड़ रुपए कैश के रूप में 30 सितंबर, 2016 तक बकाया लोन को इक्विटी में तब्दील करने के लिए नॉन कैश के तौर पर कुल 3,467.15 करोड़ रुपए लगाएगी। इस कंपनी के केबल्स का अब कही इस्तेमाल नही हो पा रहा है।
1952 में बनी यह हिंदुस्तान केबल्स टेलिफोन लाइन्स के लिए केबल बनाने का काम करती है। एक वक़्त था जब हिंदुस्तान केबल्स भारत की सबसे ज्यादा प्रॉफिट में चलने वाली कंपनी थी लेकिन 1994 तक आते-आते कहानी पूरी तरह उलट गई और कंपनी घाटे में चली गई। एक वक़्त कंपनी में करीब 7 हजार कर्मचारी काम करते थे जो अब 15 सौ तक सिमट गए हैं। और यह कंपनी कंपनी पोलिथिन फिलेड जेली केबल, ऑप्टिकल फाइबर केबल्स, एरियल आप्टिकल फाइबर केबल्स बनाती है।