नई दिल्ली : आगामी उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कांग्रेस या समाजवादी पार्टी पर परिवारवाद के नाम पर हमला नही कर पाएंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है कि उत्तराखण्ड के आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने ही परिवारवाद के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। पार्टी के सभी आदर्शवादी सिद्धान्त दरकिनार का दिए गए हैं। सूत्रों की माने तो कांग्रेस के उत्तराखड सीएम हरीश रावत इसी को चुनावी मुद्दा बनाने वाले है। इसी राह पर चलते हुए हरीश रावत ने अपने बेटे और बेटी तक को टिकट नही दिया।
बागी कांग्रेसी को बेटे सहित टिकट
उत्तराखण्ड में बीजेपी की पहली प्रत्याशियों की सूची ने तब सबको चौका दिया जब उन्होंने कुछ घंटे पहले कांग्रेस से आये यशपाल आर्य को तो टिकट दिया ही साथ ही उनके बेटे को भी टिकट दे दिया। हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य की पहचान उत्तराखंड में एक ईमानदार नेता की रही है। आर्य जमीनी नेता माने जाते हैं और दलित वोटबैंक पर उनकी बजबूत पकड़ बताई जाती है। यही कारण है कि बीजेपी ने यशपाल आर्य और उनके बेटे को टिकट देने में देरी नही लगाई। ख़बरों की माने तो यशपाल आर्य कांग्रेस पार्टी में अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे हे लेकिन नही मिला।
राजनाथ सिंह के समधी को टिकट
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को आख़िरकार टिकट मिल गया। हालाँकि बीजेपी की पहली चुनावी लिस्ट में उनका नाम न आने के पीछे बीजेपी के आदर्शवादी परिवारवाद के सिद्धान्त बताये जा रहे थे। बीजेपी ने उत्तराखंड में राजनाथ के समधी नारायण सिंह राणा को धनौल्टी से टिकट दिया है। बीजेपी ने उन्हें टिकट देने के लिए यहाँ के सिटिंग विधायक महावीर सिंह रांगड़ का टिकट काट दिया।
भुवनचंद्र खंडूरी के बेटी को टिकट
उत्तराखण्ड में बीजेपी के सबसे भरोसेमंद चेहरे और पूर्व सीएम भुवनचन्द्र खंडूरी भी उत्तराखंड में अपने बेटी को टिकट दिलाने में कामयाब हो गए। बीजेपी ने यमकेश्वर सीट से विधायक विजया बड़थ्वाल का पत्ता साफ़ कर बीसी खंडूड़ी की बेटी ऋतु खंडूड़ी भूषण को टिकट दिया है।
पति पत्नी को भी टिकट
भाजपा में ऐसा परिवारवाद पहली बार देखने को मिला जब उसने पति और पत्नी दोनों को टिकट दे दिया। चकराता और विकासनगर से भाजपा ने चौहान दम्पत्ति को टिकट दिया है। मुन्ना सिंह चौहान विकासनगर से तो उनकी पत्नी मधु चौहान चकराता विधानसभा सीट से कमल के निशान पर चुनाव लडेंगी। भारतीय जनता पार्टी से इतर चकराता और विकासनगर में तेज तर्रार नेता मुन्ना सिंह चौहान व उनकी पत्नी का व्यक्तिगत जनाधार है। यह बात पिछले तीन चुनावों के आंकड़ों से साफ है। इन दोनों सीटों पर जब मुन्ना चौहान और भाजपा का वोट बैंक आपस में मिलता है तभी दोनों को कामयाबी भी हासिल होती है।