नई दिल्ली : नोटबंदी के बाद डिजिटल वॉलेट के भारी इस्तेमाल के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि अब मोबाइल ही आपका बटवा होगा। लेकिन नोटबंदी के 100 दिन बाद लोग मोबाइल वॉलेट जैसे डिजिटल पेमेंट जैसे माध्यमों के इस्तेमाल में जोरदार गिरावट आयी है।
एचडीएफसी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य पुरी ने नैसकॉम इंडिया लीडरशिप फोरम में कहा कि डिजिटल वॉलेट में कोई भविष्य नजर नहीं आता। पुरी ने कहा कि ''Paytm दूसरा अलीबाबा नहीं बन सकता क्योंकि इसके मॉडल की कॉपी नहीं की जा सकती''।
उन्होंने कहा कि पेटीएम का वर्तमान घाटा 1600 करोड़ रुपए है और इसका वित्तीय मॉडल आंशकाओं से भरा है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी की वजह से भुगतान के लिए जो सबसे आसानी से उपलब्ध थे उसे अपना लिया। मोबाइल वॉलेट की कुछ सीमाएं हैं और जैसे-जैसे नए डिजिटल पेमेंट विकल्प उभरेंगे, इनकी चमक फीकी पड़ती जाएगी।
पैसा भेजने के लिए भेजने वाले और प्राप्त करने वाले का एकाउंट एक ही कंपनी में होना जरूरी है। इसके अलावा वॉलेट में पैसे रखने पर ब्याज भी नहीं मिलता। छोटे दुकानदार एक महीने में 25,000 से ज्यादा रुपए की निकासी नहीं कर सकते, जो नकदी तरलता पर प्रतिकूल असर डालता है।