नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा के दौरान हवाई यात्रा पर हुए खर्च का ब्योरा सूचना के अधिकार के तहत मांगने पर भारतीय वायुसेना ने जवाब दिया कि प्रधानमंत्री को भारतीय वायुसेना के विमानों पर मुफ़्त उड़ान भरने का अधिकार है, जिसक कोई बिल नहीं बनता। रिटायर्ड कमोडोर लोकेश बत्रा ने प्रधानमंत्री कार्यालय से पीएम की विदेश यात्राओं के लिए भारतीय वायुसेना के बीबीजे एयरक्राफ्ट की चार्टड उड़ानों के बिल क्लियर करने की प्रक्रिया की जानकारी मांगी थी। उनकी एप्लीकेशन रक्षा मंत्रालय को भेज दी गई, जहां से इसे वायुसेना को ट्रांसफर किया गया।
सुरक्षा का हवाला देते हुए जानकारी देने से किया इनक़ार
एप्लीकेशन के जवाब में वायुसेना ने कहा, ”…प्रधानमंत्री भारतीय वायुसेना के अति विशिष्ट विमानों में मुफ़्त सफ़र के हक़दार हैं। ऐसी उड़ानों का कोई भी बिल नहीं बनता।” ‘पीएम इंडिया’ वेबसाइट’ अपने एप्लिकेशन के बारे में बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की ‘विदेश यात्राओं पर हवाई सफर में हुआ खर्च’ में भारतीय वायुसेना के किसी खर्च को उल् लेख नहीं था। सरकार द्वारा इस संबंध में जानकारी देने से पहले ही इनक़ार कर दिया गया था। जिसके बाद पिछले साल 28 अक्टूबर को केन्द्रीय सूचना आयोग ने प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं से सम्बन्धित एक प्रतिनिधि फाइल मांगी। विदेश मंत्रालय ने आरटीआई कानून के सुरक्षा एवं वैयक्तिक सुरक्षा के प्रावधानों का हवाला देते हुए सूचनाएं देने से इनक़ार कर दिया।
बिल भुगतान की प्रक्रिया में हैं या भुगतान प्राप्त नहीं
आयोग के समक्ष बत्रा ने कहा कि इस मामले में पर्याप्त जनहित शामिल है क्योंकि एयर इंडिया को दी जा रही पुनरुद्धार राशि, जो करोड़ों रुपए बतायी जाती है, करदाताओं की राशि है। उन्होंने वर्तमान एवं पूर्व प्रधानमंत्री की एयर इंडिया के उड़ानों पर की गयी वायु यात्रा पर हुए व्यय का ब्यौरा मांगा था। उन्होंने आयोग को बताया कि प्रधानमंत्री की वेबसाइट पर 13 सितंबर 2016 तक दिखाया गया था कि प्रधानमंत्री द्वारा 15 जून 2014 से 8 सितंबर 2016 तक की अवधि में जो यात्राएं की गईं, उनमें भुगतान प्राप्त नहीं किए गए या अभी बिल भुगतान की प्रक्रिया में हैं।