नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संस्कारों से प्रभावित यूपी की राजधानी लखनऊ के अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय उनको जन्म देने वाली माँ हीरावेन से प्रभावित होकर उनका आशीर्वाद लेने पैदल ही अहमदाबाद चल दिए. करीब 23 दिन की यह यात्रा वह पैदल ही तय करेंगे.
माँ हीराबेन से हुए मिलने को वेताब
गुरुवार को अपनी माँ का आशीर्वाद लेकर नृपेंद्र ने अपने लखनऊ स्थित डालीबाग आवास से यह यात्रा शुरू की. तकरीबन अधेड़ उम्र की आयु में उन्होंने यह दृढ़ संकल्प तब किया, जब उन्हें यह लगा की पीएम मोदी आज भी अपनी माँ के उन उसूलों का पालन करते हैं, जो उन्हें उनकी बुजुर्ग माँ ने कभी बचपन में दिए थे. 'इंडिया संवाद' से बात करते हुए लखनऊ हाईकोर्ट की बेंच के अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय ने कहा कि उनके मन में यह विचार उस समय आया जब वह पीएम के उसूलों को एक सभा में देखकर दंग रह गए.
माँ- बेटे के संस्कारों से प्रेरित हुए नृपेंद्र
नृपेंद्र ने कहा कि इस उम्र में पीएम होने के साथ ही साथ मोदीजी अपनी माँ के प्रेम में कोई कमी नहीं आने देते हैं. देश कि सेवा के साथ वह अपनी जिंदगी के कुछ पल काम का बोझ होते हुए भी निकाल ही लेते हैं. माँ हीरवेन जैसी माँ और मोदी जैसा बेटा इस युग में बड़ी आसानी से ढूंढने पर भी मिलने वाला नहीं है. हालांकि हर माँ-बाप अपने बच्चों को संस्कारी बनाना चाहता है. लेकिन उसमें भी यह बात नहीं दिखाई देती, जो मोदी में उनकी माँ के दिए संस्कारों में देखने को मिलती है.
सुबह निकले नृपेंद्र अहमदाबाद के लिए
फिलहाल नृपेंद्र पांडेय ने अपनी 23 दिन कि इस यात्रा को शुरू करने से पहले अपनी माँ का आशीर्वाद लिया. उनकी माँ ने उनकी इस मनोकामना पूर्ण होने के लिए अपने लाल को घर से विदा करने से पहले उनका तिलक किया. बहरहाल नृपेंद्र के यात्रा शुरू करने से पहले उनके मित्रों ने उनमें आत्मविश्वास और जोश भर दिया है.