नई दिल्ली : अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के आने के बाद भारत में अमेरिकी निवेश के रास्ते मुश्किल हो सकते हैं। इसके संकेत निवेशकों में देने शुरू कर दिए हैं। ट्रंप ने अमेरिका में कॉरपोरेट टैक्स रेट 35 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने का वादा किया था। अगर ऐसा होता है फोर्ड, जीएम और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां वापस अमेरिका का रुख कर सकती हैं। अमेरिका से कई विदेशियों को बाहर निकालने की बात ट्रम्प कर चुके हैं। ट्रम्प का कहना है कि अमेरिका में विदेशी आकर अमेरिका का रोजगार ख़त्म कर देते हैं। हालँकि सच्चाई यह भी है कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में बड़ी संख्या में भारतीय कारोबारी हैं।
10 करोड़ का निवेश करो भारतीय नागरिक पाओ
भारत सरकार निवेश के लिए लगातर प्रयास कर रही है लेकिन निवेशकों का भरोसा जीतने में भारत अभी कामयाब नही हो पाया है। साल 2016-17 की पहली छमाही में देश में कुल विदेशी निवेश 21.62 अरब डॉलर रहा है। सेवा क्षेत्र में विदेशी निवेश देश के कुल विदेशी निवेश का 18 प्रतिशत है।
निवेशकों का आकर्षित करने के लिए भारत ने एक महत्वपूर्ण कदम भी उठाया जिसमे कहा गया कि देश में किसी भी विदेशी नागरिक के कम से कम 10 करोड़ रुपये निवेश करने पर 10 साल के लिए भारत की नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता को 10 साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है इसका मतलब ये हुआ कि अगर कोई विदेशी नागरिक देश में 25 करोड़ रुपये निवेश करेगा तो उसे 20 साल के लिए भारत की नागरिकता भी मिल सकती है। इसमें भारतीय नागरिकता के साथ घर बनाने की भी अनुमति मिलेगी।
दुनिया के सबसे बड़े टैक्स हेवन ऐसे देश
दुनिया के कई देशों में निवेश के बदले नागरिक देने का चलन कई समय से है लेकिन इससे सबसे एक रास्ता अवैध धन को देश में लाने का भी खुल जाता है। इसके जरिये कोई भी भारतीय विदेशों में मौजूद अपने काले धन को किसी विदशी नागरिक के जरिये ला सकता है। ऐसे देश अक्सर टैक्स हेवन कहे जाते रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है सेंट लूसिया।
ललित मोदी ने अपने लिए कैरेबियाई देश सेंट लूसिया को ही सुरक्षित ठिकाने के रुप में क्यों चुना। इसके पीछे सेंट लूसिया में नागरिकता लेने के कानून हैं। जहाँ नागरिकता के लिए निवेश सबसे जरूरी योग्यता है, यानी अगर आपके पास पैसे हैं तो आप आसानी से सेंट लूसिया की नागरिकता ले सकते हैं। इस देश की जनसंख्या मात्र 183,600 है जो कि दिल्ली के किसी इलाके के समान है। देश की परकैपिटा इनकम 7769 डॉलर है, यह देश दुनिया का सबसे बड़ा टैक्स हैवन भी माना जाता है।