काव्य संग्रह
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<p>लेखक का नाम : मोतीलाल दास</p> <p>जन्मतिथि :  
<p>समय और इस समय से जुड़ी सारी की सारी सच्चाई महज इत्तफाक नहीं है कि हम इसका इंतजार करें और तलाशे इन
<p>अपनी जगह पर</p> <p>छुपा है कोई हादसा</p> <p>अर्थ जीवन का बताकर</p> <p>घुलाते हैं जेहन में डर</p>
<p>उसे पता था</p> <p>अपने भीतर की आग</p> <p>कि घर के अंधेरे कोने में</p> <p>काई जैसी हरी आंखों से</p
<p>तुम्हारे भीतर</p> <p>जहां हरे भरे खेतों में</p> <p>फसलों की जगह</p> <p>रखे जा रहे हैं बम</p> <p>क
<p>देखा जा सकता है</p> <p>काल को </p> <p>अपने पैरों में बांधे</p> <p>पहाड़ों की श्रृंखलाएं</p>
<p>एक कविता कसमसा रही है</p> <p>और जिद में अड़ी है</p> <p>कि न मुझे कविता बननी है</p> <p>ना ही मैं</
<p>असीम शून्य के भीतर</p> <p>जो पसरा है भयानक सन्नाटा</p> <p>है अभी भी उनमें आग</p> <p>पर शून्य के ब
<p>जब कभी भी</p> <p>तुम हो मेरे पास</p> <p>और मैं तुम्हारे पास</p> <p>क्या ऐसे में</p> <p>हमारे बीच
<p>हमारे मस्तिष्क में है</p> <p>भाषा का मकड़जाल</p> <p>और भव्य अर्थों के बोझ</p> <p>जिन्हें ढोते हुए