नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी में पिता - पुत्र के बीच पिछले कई महीनों से चल रही घमासान के बाद आज आखिरकार मुलायम सिंह यादव को अपने बेटे अखिलेश के सामने झुकना पड़ गया. मुलायम ने पार्टी कार्यालय में मौजूद कार्यकर्ताओं और विधायकों को संबोधित करते हुए कहा, मेरे पास जो कुछ था. सब दे दिया. अब हमारे पास कुछ नहीं बचा. उन्होंने कहा कि पार्टी नहीं टूटने देंगे. उनकी साईकिल बची रहे.
पिछले कई महीनों से चल रहा है झगड़ा
गौरतलब है कि बाप - बेटे के बीच पिछले कई महीनों से चल रही घमासान को लेकर समाजवादी पार्टी में फुट पड़ गयी थी. जिसके चलते सीएम अखिलेश के चाचा राम गोपाल ने पिछले दिनों पार्टी का अधिवेशन बुलाकर अखिलेश को सर्वसम्मति से सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया था. यही नहीं मुलायम ने इस अधिवेशन को अवैध बताते हुए चुनाव आयोग में पार्टी सिंबल उनको दिए जाने की मांग की थी.
अखिलेश ने ठोंका था चुनाव आयोग में साईकिल का दावा
लेकिन अखिलेश यादव और उनके समर्थक साईकिल का सिंबल मांगे जाने को लेकर चुनाव आयोग में तकरीबन पौने 5 हजार लोगों के हस्ताक्षर युक्त हलफनामा आयोग को सौंपा था. इस मामले की सुनवाई 13 जनवरी को चुनाव आयोग करेगा. मंगलवार को भी मुलायम के साथ अखिलेश की बैठक हुई थी, लेकिन नतीजा सिफर रहा. फिलहाल अपनी मेहनत से खड़ी हुई समाजवादी पार्टी को बेटे की जिद के आगे टूटता देख मुलायम ने कहा हमने लाठियां खाकर पार्टी खड़ी की है. इसलिए वह इसे टूटने नहीं देना चाहते.
राम गोपाल बीजेपी से मिले हुए हैं : मुलायम
सपा पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित करते हुए मुलायम ने अपने चचेरे भाई राम गोपाल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर उन्होंने पार्टी तोड़ने के बड़ी साजिश रची है. इसके साथ ही गुस्से से आग बबूला हो रहे पार्टी मुखिया मुलायम सिंह ने यह भी कहा है कि वह राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी बनाना चाहते हैं और उसके लिए उन्होंने चुनाव आयोग से बुलेट मोटर साईकिल चुनाव चिन्ह मांगा है. बहरहाल अपने बेटे से भी उन्होंने इशारों ही इशारों में यह बात साफ कर दी कि राम गोपाल भगाओ साईकिल ले जाओ.