लखनऊः आजम और बेनी प्रसाद वर्मा के दबाव में गुरुवार की देर रात सुलह की स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी। अमर सिंह को भी तैयार कर लिया गया था। मगर, शुक्रवार की सुबह फिर मुलायम सिंह अड़ गए। दरअसल मुलायम का मानना है कि बेटे अखिलेश की नाफरमानी से उनका जितना अपमान हुआ, उतना पूरे पांच दशक की राजनीति में कभी नहीं हुआ। बाप-बेटे के बीच तू डाल-डाल, मैं पात-पात वाली राजनीति से परेशान हो चले नेताजी अब मन से मुलायम नहीं रहे। यही वजह है कि कई दफा मीटिंग के बाद भी अखिलेश से बात नहीं बन पाई। कई मुद्दों पर नेताजी मुलायम तो हुए मगर अमर सिंह को बाहर निकालने और शिवपाल को पूरी तरह साइडलाइन करने की बात नहीं बचा पाए। फिलहाल बताया जा रहा कि मुलायम सिंह पार्टी में अपने धड़े को लेकर अकेले चुनाव लड़ेंगे।
आजम-बेनी ने टलवा दी मुलायम की प्रेस कांफ्रेंस
अखिलेश से बात नहीं बनने पर मुलायम शुक्रवार को चार बजे प्रेस कांफ्रेंस कर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले थे। मगर आजम खान और बेनी प्रसाद वर्मा ने सुलह की आखिरी कोशिशें पूरी होने तक ऐसा करने से मुलायम को रोक दिया। आजम और बेनी के कहने पर मुलायम ने फिलहाल प्रेस कांफ्रेंस करने का इरादा त्याग दिया।
मुद्दतों के बाद अखिलेश-मुलायम ने साथ किया डिनर, मगर नहीं बनी बात
2012 में मुख्यमंत्री बनने के करीब दो साल तक अखिलेश पिता मुलायम के साथ डिनर करते रहे। मगर, चाचा शिवपाल से खटपट होने और मुलायम की ओर से सार्वजनिक रूप से कई बार उलाहना सुनने के बाद अखिलेश ने साथ लंच-डिनर करना छोड़ दिया था। करीबी सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को लंबे समय के बाद अखिलेश और मुलायम ने साथ डिनर किया। मगर दोनों पक्ष अपने-अपने मुद्दों पर अड़े रहे। मुलायम जहां अमर-शिवपाल को साइडलाइन करने के खिलाफ रहे वहीं रामगोपाल का चेहरा देखना भी न पसंद करने की अखिलेश से बात करते रहे, वहीं अखिलेश संगठन को फूट से बचाने के लिए अमर और शिवपाल को किनारे करने की मांग पर अड़े रहे। आखिरकार बात नहीं बनी।