नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी में मची रेलमपेल के बीच साइकिल सिंबल पर दावेदारी के लिए मुलायम सिंह सोमवार को इलेक्शन कमीशन पहुंचे थे। इसके बाद रात को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा - समाजवादी पार्टी एक ही है। चुनाव के बाद अगले सीएम अखिलेश यादव ही रहेंगे। इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है। समाजवादी पार्टी ना टूटी है और ना टूटेगी। इससे पहले मुलायम ने सोमवार सुबह कहा- "आप तो जानते हैं कि एक-दो लोग हैं, जिन्होंने हमारे लड़के को बहका दिया है। मेरी अखिलेश से काफी बात हुई। सुबह बात हुई। अब जा रहा हूं। देखता हूं, क्या कहता है?" "हमारे बीच कोई विवाद नहीं है। यह मामला मेरे और मेरे बेटे के बीच हैं। एक शख्स है जो मतभेद लाने की कोशिश कर रहा है। मैं जाते ही ठीक कर दूंगा।" मुलायम ने आयोग से क्या कहा?
पार्टी सूत्रों के मुताबिक़ मुलायम ने ईसी को बताया कि रामगोपाल यादव ने जो पार्टी का अधिवेशन बुलाया था। वह पार्टी के संविधान के मुताबिक नहीं था। इसलिए उसमें लिए गए फैसले वैध नहीं हैं। अमर सिंह और शिवपाल यादव के साथ मुलायम इलेक्शन कमीशन पहुंचे थे। इस बीच, मुलायम सिंह ने राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को लेटर लिखकर रामगोपाल यादव से राज्यसभा में एसपी के नेता का दर्जा वापस लिए जाने की मांग की है।
रामगोपाल बोले EC सिंबल पर फैसला जल्द लें
अखिलेश गुट की तरफ से रामगोपाल यादव ने ईसी से मुलाकात की। मीटिंग के बाद रामगोपाल ने बताया कि हमने इलेक्शन नजदीक होने का हवाला देते हुए ईसी से जल्द ही सिंबल पर फैसला लेने की अपील की है। हालांकि, उन्होंने मुलायम सिंह के किसी भी बयान पर कमेंट करने से मना कर दिया।
सिंबल हो सकता है सीज़
मुलायम और अखिलेश के खेमे सिंबल को लेकर अड़े हैं। जानकारों के मुताबिक़ इलेक्शन कमीशन इस पर जल्दी फ़ैसला नहीं ले सकता है। जांच करने के लिए उसे वक्त चाहिए। ऐसे में, जांच जारी रहने तक आयोग साइकिल निशान को फ्रीज़ कर दोनों गुटों को नया चिह्न दिया जा सकता है।
मुलायम ने बताया था खुद को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष
रविवार की शाम मुलायम सिंह ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। जिसमें उन्होंने कहा था- "मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं, शिवपाल प्रदेश अध्यक्ष हैं और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं।" "हमने रामगोपाल को 30 दिसंबर को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था। रामगोपाल ने जो सम्मेलन बुलाया वो फर्ज़ी है।"
अखिलेश की नेम प्लेट हटा मुलायम न आफिस में जड़ा ताला
मुलायम सिंह ने लखनऊ में कहा था कि, "पार्टी के अंदर कोई विवाद नहीं है, तो समझौता कैसा?" रविवार को दिल्ली रवाना होने से पहले लखनऊ के पार्टी ऑफिस में मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव की राष्ट्रीय अध्यक्ष और नरेश उत्तम की प्रदेश अध्यक्ष के नाम से लगी नेम प्लेट को हटवा दिया था। इसके बाद मुलायम के नाम वाली राष्ट्रीय अध्यक्ष और शिवपाल के नाम वाली प्रदेश अध्यक्ष की प्लेट दोबारा लगाई गईं। पार्टी ऑफिस के कमरों में ताला लगवाकर मुलायम दिल्ली रवाना हो गए।
मुलायम ने अपने ओएसडी जगजीवन से ऑफिस की चाबियां लेकर रख लीं। इस दौरान अखिलेश खेमे के वर्कर्स नारेबाज़ी करते रहे। जब मीडिया ने पूछा कि क्या अखिलेश पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे, इस पर मुलायम बोले, "क्या मैं इतना बेवकूफ दिखता हूं?" मुलायम दिल्ली पहुंचे और सीधे अमर सिंह के घर गए। यहां पार्टी वर्कर्स से भावुक होते हुए कहा, "मेरे पास गिनती के विधायक हैं। अखिलेश विद्रोही है, पर मेरा बेटा है। वो जो कर रहा है, उसे करने दो।"
डेढ़ लाख से ज्यादा डॉक्युमेंट्स अखिलेश गुट ने EC को सौंपे
दरअसल, 7 जनवरी को सपा के सिंबल मामले में रामगोपाल यादव अपना पक्ष रखने के लिए इलेक्शन कमीशन के ऑफिस पहुंचे थे। यहां रामगोपाल 7 बक्सों में करीब 1.5 लाख से ज्यादा डॉक्युमेंट्स भरकर लाए थे। रामगोपाल ने चुनाव आयोग के सामने 6 बक्सों में 4,600 व्यक्तिगत एफिडेविट पेश किए। उन्होंने कहा, "इलेक्शन कमीशन ने हमें 9 तारीख तक का वक्त दिया था। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और साइकिल पर हमारा हक है। लेकिन हमने सभी जरूरी काग़ज़ात सबमिट कर दिए।"