नई दिल्ली : यूपी चुनाव के बाद कई लोगों का कहना है कि उत्तरप्रदेश विधनसभा चुनावों में मुस्लिम बहुल इलाकों में बीजेपी को जमकर वोट पड़ा जिस कारण उसकी जबरदस्त जीत हुई। जबकि विपक्षी पार्टियां बीजेपी पर आरोप लगा रही थी कि वह धार्मिक ध्रुवीकरण कर रही है। इस बात को तब और बल मिला जब बीजेपी ने यूपी में एक भी मुस्लिम को टिकट न देकर रस्म अदायगी करना भी ठीक नही समझा। अब सवाल यह है कि क्या सचमुच मुसलमानों ने बीजेपी को जमकर वोट दिया ?
नही हुआ मुस्लिम वोटों में कोई बदलाव
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट की माने तो यूपी में चुनाव प्रचार के दौरान मुस्लिम समुदाय का वोट पाने के लिए एसपी और बीएसपी में जोरदार टक्कर हुई। राज्य में मुस्लिम आबादी करीब 19 फीसदी है। बीजेपी ने कई मुस्लिम बहुल इलाकों में भी जीत दर्ज की। इससे इस अनुमान को बल मिला कि या तो इन इलाकों में मुस्लिम वोट एसपी और बीएसपी में बंट गए और बीजेपी आराम से जीत गई या फिर मुस्लिमों ने बीजेपी के लिए भी वोट किया।
मुस्लिम बहुल 59 विधानसभा सीटों पर एसपी (29%) और बीएसपी (18%) ने कुल 47% वोट पाए। इन इलाकों में करीब एक चौथाई वोटर मुस्लिम हैं। अगर 2012 चुनावों से इसकी तुलना करें तो इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा 43% के करीब था। ऐसे में कहा जा सकता है कि दोनों पार्टियों को मुस्लिमों का समर्थन बरकरार रहा।
इस चुनाव में अंतर केवल इतना रहा कि बीजेपी अन्य वोटों (कुल वोट का 39% हिस्सा) को अपनी तरफ मोड़ने में कामयाब रही। हालांकि 2014 लोकसभा चुनाव में यह करीब 43% के करीब था। लेकिन बावजूद इसके बीजेपी ने अपने विपक्षियों के मुकाबले ज्यादा सीटें जीती और कुल 39 सीटों पर कब्जा जमाया। एसपी को 17 सीटें मिली जबकि बीएसपी खाली हाथ रही। इन इलाकों में एसपी को 29% वोट शेयर मिले और इससे साबित होता है कि उसका मुस्लिम वोट बैंक बरकरार रहा।