लखनऊ: कांग्रेस शासित राज्य हो बसपा,सपा या अन्य किसी राजनैतिक पार्टी की सरकार हो देश के मुसलमानों को सबसे आधिक सुरक्षा भारतीय जनता पार्टी की ही सरकारों में मिलती है।
भारतीय जनता पार्टी के आलावा अन्य राजनैतिक पार्टिया मुसलमानो को भाजपा का भय दिखाकर केवल उनका वोट बटोरने का कार्य करती है। इस बात का खुलासा उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में खुलकर देखने को मिला। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मातावती हो या समाजवादी पार्टी के परिवार विरोधी नेता अखिलेश यादव ,मुसलमानो के वोट बटोरने हेतु चलाये गये अभियान में अपना वोट बैँक ही भूल गये।
मायावती ने तो 100 से ऊपर दलितों की सीटे मुसलमानो को दे बैठी। मुसलमानो को तो लुभा नहीं पाई और अपने भी अपने नहीं रहे।
यही धोखा अखिलेश यादव को भी मुस्लिमो से मिला। समाजवादी पार्टी द्वारा भी मुसलमानो को गुमराह करके वोट बटोरने की कोशिश की गई ।कांग्रेस से गठबंधन कर सपा ने मुसलमानो का विश्वास भी खो दिया। मतदाताओं को राहुल का साथ पसंद ही नही आया। 60-65 वर्ष जिसने मुसलमानों को पनपने नहीं दिया,उनका साथ कैसे पसंद आता। इसका परिणाम अखिलेश को 11 मार्च को मिल गया।
वास्तविकता यह है कि भारतीय जनता पार्टी की विरोधी पार्टियों देश में अप्रयत्क्ष रूप से मुसलमानो को एक साजिश के तहत बदनाम करने और देश विरोधी साबित करने का प्रयास ही करती रही। जबकि स्थिति इसके विपरीत थी।देश के अधिकांश मुस्लिम संप्रदाय के लोग जिनकी शिक्षा दीक्षा हिंदुस्तान में ही हुई है,हिंदुस्तान के प्रति सदैव समर्पित रहते है।देश भक्ति उनमे भी कूट कूट कर भरी हुई है।सुरक्षा बलों में उनकी सहभागिता इसका जीता जागता प्रमाण है।
किसी भी धर्म या मज़हब के सभी 100% लोग धर्म के अनुयायी नहीं होते।देश में हिन्दू और मुसलमानों में ऐसे लोगो की कमी नही है जो मजहब के नाम पर रोटियां सकते है। वाम पंथी दलो का बहुत बड़ा घटक देशद्रोही कार्यवाहियों में अग्रसर रहता है।
इसी प्रकार मुसलमान जाति और धर्म के नाम पर रोटियां सेंकने वाले देश के कुछ मौलवी और मौलानाओ के साथ कुछ मुस्लिम स्वार्थी नेता भी धर्म की राजनीति खेल कर हिन्दू और मुसलमानों के बीच दूरिया बनाए रखना चाहते है।मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशो के अनुपालन में राम जन्म भूमि मामले में ऐसे स्वार्थी लोग वार्ता के माध्यम से समझौता कर निर्णय नहीं कराने के पक्षधर है।यह कट्टरवादी ताकते मुसलमानो में भय का माहौल बनाने में सफल हो रही है i