नई दिल्ली: हिंदुस्तान में हो रहे 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर नकली उंगलियों के जरिये फर्ज़ी मतदान करवाया जा रहा है. जी हां, इन नकली उंगलियों के चुनावी इस्तेमाल के दावे पर उंगली उठाई जा रही है और इन्हें वायरल झूठ बताया जा रहा है. दरअसल, उत्तर प्रदेश के चुनावों में हो रही वोटिंग में नकली उंगली का इस्तेमाल वायरल झूठ नहीं बल्कि हैरान कर देने वाला 100 फ़ीसदी देसी सच है. क्योंकि सत्ता भोगने के लिए देश की सियासत में हर कोई अपनी ईमानदारी तले इस दाग़ को भी छिपाना चाहता है क्योंकि इस देश का सच तो यही देश की संसद के भीतर ही 182 सांसद दाग़ी हैं...
वोटर्स की उंगलियों पर स्याही का ये निशान एक से ज्यादा बार वोटिंग को रोकता है. लेकिन लोकतंत्र को मज़ाक बनाकर किस तरह से उसे ठेंगा दिखाया जा सकता है उसका भी तोड़ निकाल लिया गया है और वो ये नकली उंगलियां. इंडिया संवाद भी इसकी पड़ताल में लगा हुआ है और शुरुआती दौर में यह पता चला है कि नकली उंगलियों के सप्लायर्स ने फर्जी मतदान के लिए भारी मात्रा में इन उंगलियों को सप्लाई किया है.
बेनक़ाब हुआ चुनाव और नकली उंगलियों का धंध
कृत्रिम मानव अंगों के बिजनेस करने वाली कंपनियों ने भारी मात्रा में इसकी सप्लाई की. बताया जा रहा है. इन नकली उंगलियों के इस्तेमाल का का सच कुछ एक न्यूज चैनलों ने भी किया. अब यह पूरी तरह से साबित भी हो चुका है कि नकली उंगली से वोटिंग झूठ नहीं बल्कि लोकतंत्र में जुगाड़ु सच है. वोटिंग में नकली उंगली के जरिये एक इंसान से कई बार वोटिंग करवाने के फ़र्ज़ीवाड़े को धड़ल्ले से अंजाम दिया जा रहा है. नकली उंगलियों के ज़रिये फर्जी मतदान का यह सच लोकतंत्र में ऐसी सेंध लगा रहा है मानो यह शर्म और हैरान से भी आगे की स्थिति है.
कुछ एक न्यूज़ चैनलों ने भी अब इसकी कलई भी खोली जिसमें साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह से यह पूरी प्रक्रिया काम कर रही है. हिंदी के ख़बरिया न्यूज़ चैनल आजतक को स्टिंग में भी जिस तरह से इस खेल को दिखाया तो हर कोई हक्का बक्का रह गया. मसलन यूपी चुनाव में नकली उंगलियों के ऑर्डर की भारी डिमांड की बात करते हुये नई दिल्ली के लाजपतनगर में Ideal Artificial Limb Solution नाम की कंपनी के एक सीनियर कंसल्टेंट अजेंद्र कुमार तो उसने हैरान कर देने वाला सच बताया. उसने बताया कि किस तरह से सुरक्षा एजेंसियों से बचा जा सकता है और उसने नकली उंगलियों को इंपोर्ट करने की सलाह दी. सौदा सौ फ़ीसदी कैश का किया जाता है जहां आपको उंगलियां या तो खुद इंपोर्ट करानी होती हैं या आपके लिए इंपोर्ट करा दी जाती है. हालांकि, अब इस बात में कोई शक नहीं रहा कि नकली उंगलियों गलत हाथों में पहुंचकर सिस्टम को ठेंगा नहीं दिखा रही बल्कि तमाचा मार रही हैं. सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह अपराध से निपटना नया चैलेंज है. क्योंकि यह अपराध ज़रा हटकर और ज़रा नया है. सिस्टम में सेंध किस तरह से लगाई जा रही है और न जाने बीते चुनावों में कब कब इसका धड़ल्ले से उपयोग किया गया होगा कौन जाने किस सरकार में कितने ही नकली उंगलियों के ज़रिये सत्ता की गोद में जा बैठे और ज़िक्र तो जनसमर्थन और जनता के चुने जाने का फिर क्या 2014 और क्या 2017 सब कुछ उंगली की ही तरह नकली...