नई दिल्लीः ब्राह्मणों की उपेक्षा से नाराज होकर बसपा का साथ छोड़कर भाजपा से जुड़ने वाले पूर्व सांसद ब्रजेश पाठक ने मायावती पर हमला बोला है। इंडिया संवाद के साथ इंटरव्यू में उन्होंने आगामी चुनाव में बसपा की कमजोरी की कई वजहें बताईं। देखिए खबर के साथ लगा इंटरव्यू का वीडियो। ब्रजेश पाठक ने कहा कि मायावती जिस दलित-मुस्लिम गठजोड़ की बात कर रहीं हैं, वह महज छलावा है। क्योंकि मायावती के साथ नकली मुस्लिम हैं। ये मुस्लिम न पायजामा पहनने वाले हैं, न दाढ़ी रखने वाले है। असली मजहबी मुसलमान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के साथ हैं। ब्रजेश पाठक ने कहा कि तीन से पांच करोड़ रुपये में मायावती ब्राह्मणों का टिकट काटकर जिन मुसलमानों को टिकट दे रहीं हैं, उन्हें यूपी के खांटी मुसलमान वोट देकर नहीं जिताने वाले।
मायावती की सोशल इंजीनियरिंग फेल
ब्रजेश पाठक ने कहा कि जिस सोशल इंजीनियरिंग की बदौलत मायावती 2007 के चुनाव में सत्ता पर काबिज हुई, वह सोशल इंजीनियरिंग 2012 के बाद इस चुनाव के मौके पर भी फेल हो गई हैं। ब्राह्मणों के समर्थन की बदौलत ही मायावती को 2007 मे सत्ता मिली थी मगर उन्होंने 2012 में टिकट कम कर दिए। नतीजा रहा कि 2012 में मायावती सत्ता गंवा बैठीं। फिर भी उन्होंने सबक नहीं लिया। इस बार जितने टिकट ब्राह्मणों को मिलने चाहिए थे, उतने न देकर मुस्लिमों को तरजीह दी गई। जिससे बसपा की सोशल इंजीनियरिंग फेल है। लिहाजा बसपा को चुनाव हारने से कोई रोक नहीं सकता।
कोर वोट बैंक भी नहीं संभाल पाईं माया, बचे सिर्फ जाटव
भाजपा नेता ब्रजेश पाठक ने कहा कि मायावती अपने कोर दलित वोटबैंक को भी संभाल नहीं पाईं। उनके पास दलित में सिर्फ जाटव ही बचे हैं। बाकी नाई आदि अन्य दलित जातियां उपेक्षा से तंग होकर भाजपा से जुड़ चुकी हैं। यही नहीं बैकवर्ड में राजभर और पटेल आदि जातियां भी लहर देखकर भाजपाई हो गई हैं।