हम देश प्रेमी है, अपनी जान हथेली रख देंगे
वतन की रखवाली पे नाम जवानी लिख देंगे !
इस दुनिया को हमने, लोहा कई बार दिखाया है
वतन पे कुर्बानी कि हरबार नयी कहानी लिख देंगे !!
मत ललकारो तुम, मेरे देश के वीरो की गैरत को
हम फिर से इतिहास में वही बात पुरानी लिख देंगे
हम वतन के फूल निराले है, हर मौसम में खिलते है
वतन की खुसबू को हम, हवाओ की रानी लिख देंगे
वतन ही दिल है वतन ही जान है वतन पहचान है
वतन पे जीने मरने को अपनी दीवानी लिख देंगे !!
कोई बुरी नजर अगर डाले अपना खून खौल उठता है
इसकी महफूज़ियत को धर्म नाम जिंदगानी लिख देंगे !!
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रचनाकार ::---- डी. के. निवातियां