करीब सुबह 11 बजे लड़के वाले और लड़का सीना के घर आते है ll
हमारी कहानी का दूसरा किरदार अवि से मिलवाते है सभी को चलिए ll
लड़का नाम अवि..... Avi इंजीनियर कर चुका है और एक अच्छी कंपनी मे उसे जॉब मिल गयी है ll और उसे दो महीने बाद ही जॉइन करना है ll अवि की मम्मी संतोष पांडे... पापा मोहन पांडे मोहन जी का खुद का ही काम हैं साइकिल का और संतोष जी हाउस वाइफ ही है ll मेघा अवि की बहन ll और सीना की फूफा जी सभी सीना के घर आते है ll
इधर कैलाश जी रुक्मणी और दोनों छोटे भाई बहन ll
तिवारी जी भी आते है और सभी को हाल मे बिठाया जाता है ll थोड़ी देर बाद नेहा सभी के लिए पानी लाती है साथ मिठाई भी फिर थोड़ी देर बाद ही चाय लाई जाती है ll सभी बातें कर रहे है सीना अपने रूम मे बेठि सब सुनती है हॉल के पास ही उसका कमरा था साइड मे तो वो साफ साफ सुन सकती थी सभी को ll
जहा सब खुश है वहीं सीना के मन में बस यही कि शायद उसे पसंद ही न किया जाये (शायद ये गलत है) पर सीना जो शादी को लेकर खुश ही नहीं थी इसलिए ये सोचना कि शायद वो बच जाये तो ये गलत तो नहीं हो सकता ना ll
पर होता वही है जो होना होता है.....उससे बड़कर यहा कुछ नहीं होता ll
संतोष जी - कुछ देर बाद बुलाए सीना को रुक्मणी जी कहा है सीना ll
रुक्मणी जी - हाँ जी जरूर आती हू अभी चलो नेहा ll
सीना की कमरे की तरफ़ जाते हुए ll सीना चलो बेटा तयार हो ना बेटा जी देखू तो एक बार llसीना बहुत डरी सहमी सी....क्या हुया बेटा परेशान क्योंकि हो हम सब तो है ना और कौनसा शादी हो रहीं हैं ll नहि हो पसंद तो बता देना एक बार देखने मे क्या problem है ll और चलो अब थोड़ा सा हस् दो ll
तीनों कमरे से बाहर आते हुए ll सीना को देखते ही संतोष जी और सभी बस मन ही मन बहुत खुश होते है ll सीना ने व्हाइट और ग्रे रंग का पाजामी सूट पहना था ll सीना मेकअप नहीं करती थी कभी तो वेसे ही थी आज भी और फिर भी बहुत प्यारी लग रहीं थीं बालो की पोनी किए कानो मे छोटे छोटे सोने के बूंदे डाले बाकी कोई ज्वेलरी भी नहीं ll उसकी सादगी सभी को भा गयी थी ll और सीना अवि के मन मे उतर गयी थी ll
और इधर सीना ने avi को एक नजर देखा तक नहीं... सभी कुछ देर वही बात करते हैं सीना साइड मे सोफ़े पर चुप चाप बेठि बस एक ही ख्याल की पसंद ही ना आऊँ पर avi जिस तरह से अभी उसे निहार रहा था ऐसा लगा रहा था की अवि को भी सीना बहुत पसंद है ll
और आती भी क्यों न सीना की सादगी के सभी दीवाने हो जाए इतनी प्यारी थी वो ll उसकी सादगी ही उसकी खुबसूरती थी और उसका व्यवहार उसके ज़ेवर और हमारे समाज को सीधी सादी लड़कियां ही अच्छी लगती है ll और शादी के लिए तो ऐसी ही लड़किया चाहते है सभी चाहे कोई कितना नहीं माडर्न क्यों ना हो ll
वहीं सीना के दिल में बहुत से सवाल लिए थे ll चुपचाप गुमशुम सी इन्तजार करती हुई ll बस यही सोचती की ना पसंद आऊ तो सही है ll बस इसी एक फैसले का इन्तजार कर रही थी।
ऐसे ही कितनी परिक्षाओं से बनी होती है लड़कियों कि जिंदगी ll
आगे देखते हैं सीना की जिंदगी क्या नए रंग लाती है ll