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नारी जीवन - 6

1 दिसम्बर 2021

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दिनाक - 20 सगाई का दिन सीना के घर रिश्तेदारों की चहल-पहल और चारों ओर खुशी का माहौल पकवानो की खुशबू घर में फूलों की सजावट
इधर avi के घर सगाई के लिए सीना के घर जाने की तैयारी चल रहीं है ll मेघा और मनोज के साथ उनके दो बच्चे , चाचा चाची और माता पिता और बुआ फूफा सभी रिश्तेदारों सहित करीब २० लोगों के साथ सभी निकलते है।।

सीना के घर मे जहां सभी बहुत खुश थे ll वहीं सीना बहुत घबराई सी एक कमरे में अकेली बैठी थी ll डरी सी गुस्सा भी था थोड़ा सा सभी पर लेकिन घर वालों के आगे उसकी एक ना चली और आखिरी मे उसने सब छोड़ बस कहे मुताबिक सब करना शुरू किया उसने सोच लिया कि कोई मतलब नहीं किसी से कुछ भी कहने का कोई नहीं सुनेगा और ना ही कोई समझेगा ll एक संदीप था जो सीना के लिय आज भी सुबह सुबह पापा से बात कर रहा था ll पर वो भी अभी बहुत छोटा था और पापा किसी की नहीं सुनते थे कभी तो उसे भी फटकार पड़ी थी बहुत बार आज भी सुबह सुबह उसे बहुत डांट पड़ी थी पापा से तो वो भी उदास था ll काम काज मे तो लगा हुया था साथ साथ सभी के पर खुशी नहीं थी ll
जो भी हो पर सीना आज खूबसूरत बहुत लग रही थी।।
वो सुन्दर तो थी ही और आज उसने पहली बार इतना साज श्रृंगार किया था जो उसके रूप कोई और निखार रहा था ll उसकी सादगी और फिरोजी रंग की साड़ी उस पर बहुत ही खिल रही थी......
गाड़ी की आवाज दरवाजे पर तीन चमचमाती हुई होंडा सिटी ठहरतीं है।। सभी उतरने लगते है सीना के मम्मी पापा सभी के स्वागत के लिए बाहर आते है।। avi उतरता है।। वो भी आज कुछ कम नहीं लग रहा था.... महरुम कुर्ता उस पर हल्के रंग की जैकेट और  नीचे चूडीदार पजामे के साथ पेरो में लखनऊ की जूतियां जिसमें अभी बहुत डेसिग नज़र आ रहा था।। अंदर आ सोफ़े पर सभी बेठते है उसके बाद सभी के लिय पहले पानी और फिर ठंडा और नाश्ता आता है।।
थोड़ी देर बातचीत करने के बाद  पंडित जी शुरू करे ll
पंडित जी - हाँ सगाई का मुहूर्त हो गया है तो लड़के को बिठाया जाए चौक पर.... Avi के साथ कुछ रस्मे होने के बाद.... बिटिया को बुलाया जाए ।। सीना की बहन और बुआ सीना को लेने उसके रुम में जाते हैं ll फिरोजी रंग की साड़ी के साथ सारी वेस्टर्न ज्वैलरी बालो को आधा क्लच करके एक लम्बी सी लट जो उसकी खूबसूरती पर चार चांद लगा रही थी।। सीना इससे पहले कभी इतना नहीं सजी तो उसका रुप और भी निखर कर आ रहा था।। हाथों में मेहंदी पेरो मे पायल जो उसे पूरी तरह से सम्पूर्ण कर रहीं थीं ll पायल की छम छम की तरफ सभी की नजरे मोड़ जाती है ll और देखते ही वाह मोहन जी और संतोष बहुत प्यारी और सुन्दर बहू ढूंढ ली ll मानो कि धरा की सबसे सुन्दर लड़की मिली है आपको.... और आपके बेटे को इतनी प्यारी जीवन साथी
इधर सीना का चेहरा शर्म और गुस्से मे शुरख लाल नज़र आ रहा था।। सभी देख सकते है और भाप सकते थे की सीना घबराई हुई भी थी बहुत ll
और उधर avi की तो अब सीना से नजरे हट ही नहीं रहीं थीं ll वो किसी न किसी बहाने निहारे जा रहा था बस सीना को....... कुछ रश्मों के बाद अंगूठी पहनाने की रश्म होती है वहीं सीना की बहन और सहेली स्टेज पर डांस के लिए जाती है।।

ओ जीजी कया कह कर
उनको बुलाओगी जीजा बन कर जो आयेंगे।।

सभी संगीत का आनंद लेते है।। और इसके साथ ही सगाई की रश्म सम्पन्न होती है।।ओर सभी एक एक कर डांस करने के लिए स्टेज पर आते है ll मौज और मस्ती के माहौल मे सब बहुत अच्छे से संपन्न होता है ll फिर खाना होने की बाद सभी विदाई लेते है ll
इधर avi सीना से बात करना चाहता है पर सभी आस पास होने की वजह से हो नहीं पाती।। और जब तक avi  मेघा से बात करके सीना को बुला पाता है ll जहां पर सीना और avi के साथ मेघा नेहा मनोज सभी बेठे होते है तभी सीना का बड़ा भाई मतलब उसके बुआ का बेटा उसे वहां से बुला कर ले जाता है।। जो अभी को अच्छा नहीं लगता पर बिन कुछ कहे सभी विदा हो जाते है ll

अभी तक सब सही और अच्छा ही है देखते हैं आगे भी क्या ऐसे हो सब ख़ुशी ख़ुशी और सही होगा या नहीं ll


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नमस्कार 🙏🙏🙏 मेरे प्रिय पाठकों मैं अपनी पहली रचना नारी जीवन लिखने जा रहीं हू.... इसमे नारी के कितने जीवन एक ही जिंदगी मे जीने मिलते है ये भी दिखाना चाहूँगी... तो चलिए चलते है अपने सफ़र पर हमने अक्सर ये देखा है कि सभी की जिंदगी मे जीवन हर मोड़ पर नित नए सफर और मंजिल पर चलना सिखाती है और ये सफर ही मंजिल तक जाने का नाम जिंदगी है.. फिर कोई भी क्यो ना हो चाहे कोई गरीब हो या अमिर बेटा हो या फिर बेटी किसी भी वर्ग किसी भी प्रांत किया बात कुओं ना हो.... और वही अगर हम बात एक बेटी की करे तो उसकी जिंदगी तो होती ही है बहुत सी परीक्षा से लड़ने वाली हर वक्त बस जिंदगी एक परिक्षा होती हैं ll और बेटी की जिंदगी मे कभी ना ही परीक्षा खत्म होती है ना ही उनसे लड़ने की उम्मींद... तो ऐसी ही एक बेटी... एक नारी की जिंदगी को हम आपसे बांटने लाए है ll तो ये सफर है सीना का ll सीना जो हमारी कहानी की एक महत्वपूर्ण किरदार है... सीना.... तो चलिए जानते है सीना को और देखते है सीना कि जिंदगी की रोचक परीक्षाओ को कैसे सीना उन्हें सुलझा पाएगी ll हम सभी जानते है कि जीवन में हमेशा वो नही होता ....जो हम चाहते हैं या फिर जो भी हम सोचते हैं ll फिर भी हम इन्तजार करते हैं या ये कहे कि विश्वास रखते है की जो हो रहा है अछा हो रहा है और जो होगा वो भी अच्छा ही होगा ll और हमारी सीना तो हमेशा से ऐसी ही थी जो..... इसी बात पर जीती थी.... कि जो है अच्छा है और जो होगा वो भी अच्छा ही होगा.... उसने हमेशा सभी की खुशियो में ही खुश रहना सिखा था और छोटी छोटी सी ख्वाहिशें और सपने है सीना के जिनमें उसकी सारी दुनिया समायी रहती है ll कुछ बड़ा नहीं कुछ खास नहीं..... सीना एक मध्य वर्गीय परिवार मे जन्मीं सीधी सादी सी लड़की.... सीना के पापा कैलाश त्रिपाठी जी जो सरकारी बिजली बिभाग मे एक क्लर्क की पोस्ट पर कार्यरत है ll और मम्मी रुक्मणी त्रिपाठी जो एक हाउस वाइफ है ll                 एक छोटा भाई संदीप जो अभी 12 वी क्लास का स्टूडेंट है ll इक छोटी बहन है नेहा जो 9th क्लास मे पढ़ती है ll एक छोटा सा खुशहाल परिवार है सीना का ll सीना ने अभी अभी 19 साल की हुई है ll और सीना ने 12 पास कर  b. Com फर्स्ट ईयर मे एडमीशन लिया है ll और कुछ दो महीने हुए हैं उसे कॉलेज स्टार्ट किए ll आज का दिन भी रोज की तरह ही था ll सुबह की पहली
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