तुम प्रेम हो जो अगर
तो थाम लो उस तरह
जैसे हर दफा भीड़ में मां
मेरा हाथ थाम लेती है ll
तुम विरह हो जो अगर
तो त्याग दो कुछ इस तरह
जैसे बाबा अपने खुयाबो को
अपनो की खुशी के लिए त्याग देते है ll
12 जनवरी 2022
तुम प्रेम हो जो अगर
तो थाम लो उस तरह
जैसे हर दफा भीड़ में मां
मेरा हाथ थाम लेती है ll
तुम विरह हो जो अगर
तो त्याग दो कुछ इस तरह
जैसे बाबा अपने खुयाबो को
अपनो की खुशी के लिए त्याग देते है ll
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खो गया है जो मै उसकी तलाश मे हू अगर मगर के सफर मे हू काश होगा वक्त कभी मेरा उस वक्त की आश मे हू खुद को पाने की राहों पर हू इस अनजाने सफर मे हू 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏D