अब रोज फोन आने लगे थे अवी के..... और सीना भी समय बीतते बीतते सहज हो गयी थी उसके साथ अब सीना अपनी बातें भी बोलने लगी थी और अभी की बातों पर प्रतिक्रिया भी देने लगी थी दोनों आपस मे थोड़ा घुल मिल चुके थे ll पर सीना को अवि से बहुत डर लगता था ll तो वो इतनी सहज नहीं थी जितना avi हो गया था ll एक तो शादी इसकी बीना ख़ुशी की थी दूसरा avi बहुत गुस्से वाला था और गुस्से मे कुछ भी बोल जाता था... और इसी वज़ह से बहुत बार अवि सीना पर नाराज होकर जाया कर्ता था ll avi को पसंद नहीं था किसी का भी उसके सामने उसके किसी भी मामले मे बोलना ll पर सीना की उससे शादी होने वाली थी और उसका हक था उसे सही गलत के लिए बोलने का ll और अब धीरे धीरे avi की बेफिजूल की रोक टोंक सुरू हो गयी थी कभी सीना को कपड़ों के लिए रोकता टोकता तो कभी कभी कॉलेज जाने से भी मना कर् देता ll पर सीना भी कुछ हद तक उसे इन सब के लिए मना ना कर मान कर उसकी सारी बाते गलत ही कर रहीं थीं ll पर वो है ना कि हमे हमेशा से यही सिखाया जाता है कि बस पति को खुश रखो ll तो सीना भी बस उसी कदम पर चलने लगी थी ll और यहीं सीना की सबसे बड़ी गलती थी ll जबकि अभी तक दोनों की शादी नहीं हुई थी फिर भी सीना सारी बात मान लिया करती ll और सीना खुश थी avi की खुशी मे ll उसने avi को अपनी सारी दुनिया समझ लिया था ll इन्हीं बीच अब उन लोगों की मांगे भी शुरू हो गयी थी ll कभी कोइ demnad कभी कोई ll और एक दिन तो हद ही हो गयी सीना से बहुत झगड़ा किया अवि ने marriage होम अपने मुताबिक ना होने की वजह से ll ये बिना जाने की कोई problm भी तो हो सकती है ना ll
यू ही नोक झोंक और लड़ते लड़ते शादी की तारिक पास आ गयी 16 फरवरी की तारिक तय की गयी थी
10 फरवरी को लगन
11 को संगीत
12 को हल्दी और
13 को तिलक
14 को भात
15 को मेहंदी
16 की बारात
17 को विदाई
18 को पग फेरे की रस्म
कार्ड भी छ्प गए थे ll जैसे जैसे शादी की तारिक नजदीक आ रहीं थीं अवी के अंदाज ही बदलते जा रहे थे समझ के बाहर था कि हो क्या रहा था सीना का डर कंही सही तो नहीं हो जाएगा ll बहुत मुश्किल से उसने खुद को समझाया था कि उसे अब अवी ओर उसकी फॅमिली मे ही खुशिया देखनी है अपनी पर।।। अवी के बर्ताव से सीना बहुत दुखी थी ll उन लोगों ने अब दहेज की मांग करना शुरू कर दिया था ll कभी सोने की चेन कभी कार और पता नहीं क्या क्या ll अब पापा बहुत परेशान रहने लगे थे ll पर एक बार सगाई हो जाने के बाद शादी को मना करने लड़की की बहुत बदनामी होगीं इस वज़ह से सारी मांगे पूरी किय जा रहे थे पाप ll
सीना पापा को इतना परेशान और मजबूर देख बहुत दुखी थी ll पर कुछ कर भी नहीं पा रहीं थीं ll वो तो खुद बहुत दुखी थी ll कितना बोला कितना कोशिश की पापा मत करोड़ मत करो एक ना सुनी उसकी ll
यू ही अवी और सीना खट्टी-मीठी नोक झोंक और झगड़े के साथ देखते ही देखते जनवरी का महीना भी निकलता नजर आ रहा था ll
और आज फरवरी की 1 तारिक थी सीना के घर आज शादी की तैयारीया साथ ही अभी के शहर लखनऊ जाने की packing चल रहीं थीं क्योंकि अभी के कहे मुताबिक शादी लखनऊ. मे ही होना तय किया गया था ll अभी की फर्माइशओ ने सीना और सीना के पिता बाकी सभी को परेसान कर दिया था कभी कुछ माँगना तो कभी शादी के लिए marrige होम bgrh को लेकर हर रोज नाराज हो जाना ll और हद तो तब हो गया था ll जब मन पसंद marrige होम ना होने पर avi ने पापा को बहुत कुछ बोला सीना से ये सब नहीं देखा जा रहा था और कुछ कर भी नहीं सकती थी क्योंकि सभी उसे ये बोलकर टाल देते थे कि यही रिवाज हैं..... और जरूरी हैं पर सीना से पापा की परेसानी नहीं देखी जा रहीं थीं सीना की फॅमिली एक मिडल क्लास परिवार के लोग थे ll जिनके पास avi की हर मांग पूरी करने के लिए कोई सोर्स नहीं था.... पर फिर भी कैलाश जी हर मुमकिन कोशिश मे लगे थे और शादी मे हर छोटी बड़ी चीज़ का बहुत अछे से इंतजाम किया था पर जिनको खुश होना ही नहीं हैं ll उनके लिए कुछ भी कर लो वो कभी खुश नहीं रह सकते ll
और ऐसे ही ये 10 दिन भी कैसे गुजर गए पता नहीं लगा ऐसे लग रहा था जैसे पता नही कितनी स्पीड से निकला जा रहा था समय
आज february 10... सीना के घर खुशी और आनन्द का माहौल था ll घर के सभी छोटे बड़े रिस्तेदार और परिवार आ गया था ll और अवी के घर शगुन ले जाने की त्यरियां हो रहीं थीं ll