एक दिन करीब दो महीने बाद सुबह सुबह 7 बजे फोन की घंटी और ये क्या मोहन जी ll सीना सोचती है ये अब क्यों फोन कर रहे है ll अखिर है कैसे लोग पीछे ही पड़ गए जब मना कर दिया फिर अब क्या चाहिए जो फिर फोन कर परेसान कर रहे है ll
हैलो मोहन जी नमस्कार जी.... कैसे है सभी.... बस आपकी दया है कैलाश जी आप सुनाए क्या चल रहा है ll
बस यहां भी सब एक दम भडिया चल रहा हैं ll
सुनाए कैसे सुबह सुबह याद किया ll याद क्या किया बस पूछिये मत जिस दिन से आप मना करके गए है ll avi की मम्मी की तो तबियत ही खराब है ll बस जिद पकड़ी हुई है बहू तो सीना ही बनेगी अब जो मरज़ी हो ll अब आप btao कैसे करे जैसा आप कहेंगे वेसा ही कर लेंगे कुछ नहीं चाहिए हमे पर शादी तो सीना से ही करनी है अब avi की ll अब हम क्या कहे मोहन ही पर हमारी उकात नहीं है जितनी आपकी मांग है ll पर हमे सीना चाइये बस और कुछ नहीं ll
सीना को ये सब सुन बहुत गुस्सा आ रहा था अब कैसे पापा ऐसे लोगों से दुबारा बात कर सकते है ll कैसे
चलो हम घर पर रुक्मणी और जीजा जी से थोड़ा सा डिस्कशन कर ले फिर फोन करके बताते है ll पर एक बात बिल्कुल clearly बता दे हमारे पास बस बेटी है उसके अलावा कुछ भी नहीं है ll
अरे कैलाश जी अब आप शर्मिंदा कर रहे है ll गलती हो गयी हमसे बहुत बड़ी हमे बस सीना ही चाहिए और कुछ नहीं ll
ओके नमस्कार बताते है आपको जो भी सही लगेगा करेंगे ll
अब सीना बोल पडी और ये उसकी 19 साल की उम्र मे पहली बार था जब उसने सामने से कुछ कहा था ll इससे पहले वो कभी भी कुछ नहीं बोली थी ll ये क्या मतलब हुया पापा आपने जो कहा किया हमने एक बार भी कोई सवाल नहीं किया पर जो लोग इतने लालची है ll आपसे पैसों की demand कर सकते है ll मुझे नहीं करनी शादी ऐसे घर में और जो एक बार मुह खोल सकते है ll वो कभी भी कुछ भी बोलेंगे और उनकी मांगे कभी खत्म नहीं होंगी ll
पापा सीना को जोर से डांट लगाते है ll तुम जाने क्या है जिंदगी तुम्हें पता है ये शादी ब्याह की बातें ये हम बड़ों की बात है और हमारे बीच ही रहने दो और खबर दार जो दुबारा फिर से इस तरह से बात की ll सीना रोती हुई अपने कमरे की तरफ भाग जाती है ll
रुक्मिणी समझाओ इसे ये क्या तरीका था ll और इससे पूछ कर करेगे अब हम सब... आप शांत रहिए मैं बात करती हू ll अच्छा वो मोहन जी का फोन आया था और वो लोग शादी के रेडी है ll और हमारी शर्तों पर तो मैं क्या सोच रहा हू कि कोई अच्छा सा मुहूर्त देख सगाई कर ली जाए ईन नवरात्रों मे ही फिर शादी अगले साल सर्दियो मे ll
क्यों तुम बताओं सही है ना
हाँ ठीक है जैसा आपको सही लगे ll हाँ पर उससे पहले कुछ पैसों का इंतजाम करना पड़ेगा ll जो भी है पर ये लेन देन तो होगा ही थोड़ा बहुत ll हाँ सही कह रहे हैं आप
कैलाश जी मोहन के घर हाँ सगाई की तारिक और मुहूर्त तय कर आते है ll september की 20 तारिक तय की जाती है आज से करीब 15-16 दिन बाद की ही ll
जोरों शोरो से तयारीया होती है सभी रिश्तेदारों की invite किया जाता है ll सगाई घर पर ही रखी जाती है ll एक छोटा सा प्रोग्राम कुछ 20-25 लोगों के बीच सगाई कि जाना तय हुई ll
देखिय आगे की कहानी अगले पार्ट मे ll